“जनता जाम में, अफसर सोशल मीडिया में और नेता ऐ सी में !”

“जनता जाम में, अफसर सोशल मीडिया में!”
ख़बर शेयर करें -

“जनता जाम में, अफसर सोशल मीडिया में और नेता ऐ सी में !”

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

कुमाऊं के प्रमुख पर्यटन स्थलों – नैनीताल, भीमताल, भवाली, कैंची धाम और अल्मोड़ा में दिनोंदिन बढ़ता ट्रैफिक जाम अब केवल एक असुविधा नहीं, बल्कि जनजीवन को ठप करने वाला संकट बन चुका है।
यात्रियों की भीड़ हो या कैंची धाम की श्रद्धा – जब सड़कों पर धैर्य दम तोड़ने लगे और जीवन की रफ्तार घंटों थम जाए, तो यह केवल भीड़ प्रबंधन का नहीं, प्रशासनिक विफलता का प्रतीक है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री ने पुरोला में Rs. 210 करोड़ की 55 विकास योजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास, क्षेत्र के समग्र विकास का खाका पेश किया।

 

 

 

भवाली-कैंची, रानीबाग-भीमताल, ज्योलीकोट-भवाली जैसे मार्गों पर घंटों जाम लगे रहते हैं। ना एम्बुलेंस समय पर अस्पताल पहुंचती है, ना बच्चे समय पर स्कूल। व्यापार, पर्यटक और स्थानीय लोग – सब त्रस्त हैं, लेकिन अफसरों की सक्रियता केवल कैमरे और सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित है।

यह भी पढ़ें 👉  "नैनीताल में पंचायत चुनाव आरक्षण सूची का अनन्तिम प्रकाशन, रामनगर क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद 'अन्य महिला' के लिए आरक्षित, 15 जून तक आपत्तियाँ आमंत्रित"

 

 

आखिर कब तक जनता विकास का इंतज़ार करते हुए जाम में फँसी रहेगी?
क्या सोशल मीडिया की चमकदार तस्वीरों से जर्जर सड़कों और बदहाल ट्रैफिक की हकीकत छुपाई जा सकती है?

 

 

अब समय है कि अफसरशाही केवल दिखावे की नहीं, जमीन पर उतरकर समाधान की प्रशासनिक ज़िम्मेदारी निभाए।
कैंची धाम, भवाली व अन्य मार्गों पर स्थायी समाधान और ट्रैफिक नियंत्रण की ठोस रणनीति अब और टाली नहीं जा सकती।
पहाड़ से मैदान में आने वाले यात्री बहुत परेशान है उनकी ट्रेन छूट रही है। बीमार यात्री का क्या हाल होगा। यात्री परेशान है अफसर मौज में है। कई साल हो गए जाम को अभी तक समाधान हो जाना चाहिए था।
जनता अब “फोटोशूट विकास” नहीं, “मूलभूत समाधान” चाहती है