चाकू की नोंक पर महिला कंडक्टर से लूट सूचना पर पहुंची पुलिस।

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रोशनी पाण्डेय – सह सम्पादक

सिविल लाइंस में रोडवेज बस अड्डे पर सनसनीखेज वारदात हुई। चाकू की नोंक पर महिला कंडक्टर रंजना देवी (35) से 3500 नकद, टिकट मशीन (ईटीआईएम), मोबाइल समेत अन्य दस्तावेजों से भरा बैग लूटकर चार बदमाश भाग निकले। पीड़ित की ओर से तहरीर दी गई। उधर सिविल लाइंस पुलिस घटना को संदिग्ध मान रही है। पीड़िता का आरोप है कि थाने जाने पर उससे कहा गया कि लूट की जगह चोरी की तहरीर लेकर आओ।

मूल रूप से कानपुर के सजेती थाना स्थित सवाईपुर धमराबुजुर्म की रहने वाली रंजना वर्मा पत्नी शिवकुमार रोडवेज में परिचालक है। वह लगभग छह साल से लखनऊ में तैनात हैं। रविवार दोपहर 1.30 बजे के करीब चारबाग डिपो की बस लेकर वह सिविल लाइंस बस अड्डे पर पहुंचीं। इसके बाद ड्राइवर रामकिशोर (निवासी प्रतापगढ़) नवाब यूसुफ रोड साइड में बस खड़ी कर चाय पीने चला गया। जबकि, कंडक्टर रंजना बस में बैठी रही।

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रंजना ने बताया कि करीब 3.30 बजे चार युवक आए और पूछा कि बस कहां जाएगी। उसके यह कहने पर कि बस लखनऊ जाएगी तो चारों भीतर आकर बैठ गए। कहा कि उन्हें रायबरेली तक जाना है। पांच मिनट ही बीते होंगे कि चारों ने उसे घेर लिया और बैग छीनने लगे। विरोध करने पर चाकू निकाल लिया और बैग छीन लिया। इसके बाद बदमाश बस से उतरकर नवाब यूसुफ रोड की ओर भाग निकले। जाने से पहले धमकी दी कि शोर मचाया तो जान से मार देंगे। बदमाशों के भागने के बाद कंडक्टर ने शोर मचाकर ड्राइवर को बुलाया और घटना की जानकारी दी।

 

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ड्राइवर ने पहले अपने फोन से 112 नंबर पर कॉल की। कॉल कनेक्ट न होने पर उसने कार्यालय में जानकारी दी तो रोडवेज अफसर आ गए। इसके बाद सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। दिनदहाड़े घटना से वहां सनसनी फैल गई। कंडक्टर से पूछताछ के बाद पुलिस तलाश में लगी रही, लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिला। बाद में सिविल लाइंस इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह यादव ने घटना से इंकार किया। कहा कि महिला कंडक्टर झूठी शिकायत कर रही है। उसने बैग कहीं गिरा दिया है या उससे बैग गुम हो गया है।

इस मामले में देर रात तक एफआईआर नहीं दर्ज हो सकी थी। पुलिस की ओर से घटना को फर्जी बताए जाने को लेकर महिला कंडक्टर से बात की गई तो उसने बताया कि वह थाने तहरीर लेकर गई थी। वहां पुलिसवालों ने कहा कि तहरीर से चाकू व लूट की बात हटाकर चोरी की तहरीर लाओ, तब मुकदमा दर्ज होगा। इंकार करने पर उसे वापस भेज दिया गया। रात में एक बार फिर वह थाने पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराने को प्रयासरत रही।

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