ओएनजीसी चौक हादसा: छह दोस्तों की मौत, पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल।

ओएनजीसी चौक हादसा: छह दोस्तों की मौत, पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल।
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ओएनजीसी चौक हादसा: छह दोस्तों की मौत, पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

देहरादून: ओएनजीसी चौक पर हुए भीषण सड़क हादसे में छह दोस्तों की मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। यातायात निदेशक अरुण मोहन जोशी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

घटना का विवरण:

11 और 12 नवंबर की दरम्यानी रात, ओएनजीसी चौक पर रात 1:19 बजे एक भीषण सड़क दुर्घटना हुई थी, जिसमें छह युवकों की दर्दनाक मौत हो गई थी। हादसे से कुछ समय पहले एक युवक ने पैसेफिक मॉल के बाहर एक सफेद रंग की कार को गलत दिशा में तेज रफ्तार से आते हुए देखा था।

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शिकायत को नजरअंदाज किया गया:

युवक ने मसूरी डायवर्जन पर तैनात एएसआई मनवर नेगी को इसकी जानकारी दी, लेकिन आरोप है कि एएसआई ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और आगे कोई कार्रवाई नहीं की। युवक ने बाद में पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर सूचना दी और जिलाधिकारी व एसएसपी को ई-मेल भी भेजा।

पुलिस जांच में खुलासा:

शुरुआत में युवक ने दुर्घटनाग्रस्त कार को इनोवा बताया था, लेकिन ई-मेल में ह्यूंडई क्रेटा का जिक्र था। पुलिस जांच में पुष्टि हुई कि गलत दिशा में दौड़ने वाली कार ह्यूंडई क्रेटा ही थी। इसके बावजूद, लापरवाह एएसआई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

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यातायात निदेशक के निर्देश:

छुट्टी से लौटने के बाद यातायात निदेशक अरुण मोहन जोशी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, एएसआई मनवर सिंह नेगी की भूमिका की भी जांच खोलने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने एसएसपी देहरादून से जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी है।

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प्रशासन पर सवाल:

इस घटना ने जिला पुलिस की लापरवाही को उजागर कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि अगर शिकायत पर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो शायद इस हादसे को टाला जा सकता था। अब देखना होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष सामने आते हैं और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।


 

 

यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा और पुलिस प्रशासन की तत्परता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। उम्मीद की जा रही है कि जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।