लोकप्रियता ने जिताया, व्यवहार ने हराया,  उत्तराखंड की राजनीति में हलचल, प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा बना चर्चा का विषय।

लोकप्रियता ने जिताया, व्यवहार ने हराया,  उत्तराखंड की राजनीति में हलचल, प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा बना चर्चा का विषय।
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लोकप्रियता ने जिताया, व्यवहार ने हराया,  उत्तराखंड की राजनीति में हलचल, प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा बना चर्चा का विषय।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

उत्तराखंड के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विवादित बयान के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने सरकारी आवास में इस्तीफे की घोषणा की और फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना त्यागपत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने अग्रवाल का इस्तीफा राज्यपाल को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दिया है।

विवादित बयान बना इस्तीफे की वजह

बजट सत्र के दौरान प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में क्षेत्रवाद को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था, “क्या यह राज्य सिर्फ पहाड़ियों के लिए बनाया गया है?” उनके इस बयान से भारी आक्रोश फैला और राज्यभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। विभिन्न संगठनों और विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग तेज कर दी थी।

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राजनीतिक जीवन और विवादों का सफर

प्रेमचंद अग्रवाल 2007 से लगातार चार बार ऋषिकेश विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की थी और भारतीय जनता पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। हालांकि, उनके उत्तेजित और आक्रामक स्वभाव के कारण वे अक्सर विवादों में रहे।

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इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलचल तेज

प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मामले में माफी की मांग की है। वहीं, अग्रवाल के समर्थकों ने उनके इस्तीफे के विरोध में देहरादून बंद का आह्वान किया है।

 

 

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज

प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं भी तेज हो गई हैं, क्योंकि वर्तमान में पांच मंत्री पद खाली हैं। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है और नए मंत्रियों की नियुक्ति कब होती है।

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आगे की राह प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा राज्य की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या प्रेमचंद अग्रवाल दोबारा किसी नई भूमिका में नजर आएंगे।