प्रेमचंद की 143 वीं जयंती व उधमसिंह का 83 वा शहादत दिवस मनाया गया…

प्रेमचंद की 143 वीं जयंती व उधमसिंह का 83 वा शहादत दिवस मनाया गया...
ख़बर शेयर करें -

प्रेमचंद की 143 वीं जयंती व उधमसिंह का 83 वा शहादत दिवस मनाया गया…

 

 उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक

राजकीय इंटर कालेज ढेला में कथा सम्राट प्रेमचंद की 143 वीं जयंती व शहीद उधमसिंह का 83 वा शहादत दिवस मनाया गया । शुरुआत विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रीराम यादव व स्टाफ द्वारा प्रेमचंद शहीद ऊधमसिंह के चित्र पर माल्यार्पण से हुई।प्रतिभागी बच्चों द्वारा उनका जीवन परिचय देने के साथ साथ उनकी कहानियों,उपन्यासों के बारे में बताया। कला शिक्षक प्रदीप शर्मा के दिशा निर्देशन में जूनियर स्तर के बच्चों ने उनका चित्र बनाया जबकि बड़ी कक्षा के बच्चों ने उनकी कहानियों व उपन्यासों को आधार बना चित्र बनाए।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखण्ड अध्यापक पात्रता परीक्षा-2024 के आयोजन के सम्बन्ध में परीक्षा केन्द्र व्यवस्थापकों के साथ एक बैठक आयोजित।

 

 

शिक्षक संजीव कुमार ने कहा बहुमुखी प्रतिभा संपन्न प्रेमचंद ने उपन्यास, कहानी, नाटक, समीक्षा, लेख, सम्पादकीय, संस्मरण आदि अनेक विधाओं में साहित्य लिखा। उन्होंने कुल 15 उपन्यास, 300 से कुछ अधिक कहानियाँ, 3 नाटक, 10 अनुवाद, 7 बाल-पुस्तकें तथा हजारों पृष्ठों के लेख, सम्पादकीय, भाषण भूमिका लिखे।

 

अंग्रेजी प्रवक्ता नवेंदु मठपाल नें कहा आम आदमी को उन्होंने अपनी रचनाओं का विषय बनाया और उसकी समस्याओं पर खुलकर कलम चलाते हुए उन्हें साहित्य के नायकों के पद पर आसीन किया। प्रेमचंद ने साहित्य को सच्चाई के धरातल पर उतारा। उन्होंने जीवन और कालखंड की सच्चाई को पन्ने पर उतारा। वे सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार, ज़मींदारी, कर्ज़खोरी, ग़रीबी, उपनिवेशवाद पर आजीवन लिखते रहे। हिन्दी प्रवक्ता पद्मा ने कहा वे आम भारतीय जन के रचनाकार थे। उनकी रचनाओं में वे नायक हुए, जिसे भारतीय समाज अछूत और घृणित समझा था। उन्होंने सरल, सहज और आम बोल-चाल की भाषा का उपयोग किया और अपने प्रगतिशील विचारों को दृढ़ता से तर्क देते हुए समाज के सामने प्रस्तुत किया।

यह भी पढ़ें 👉  बांद्रा से लालकुआं के लिए नई ट्रेन का शुभारंभ, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे उद्घाटन

 

 

सी पी खाती ने कहा आज क्रांतिकारी शहीद ऊधमसिंह का शहादत दिवस है।जिन्होंने 41साल की उम्र में जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ’ ड्वायर को लन्दन में जाकर गोली मारी थी। ऊधमसिंह को आज ही के दिन 1940 में फांसी हुई थी। इस मौके पर प्रधानाचार्य श्रीराम यादव,मनोज जोशी,सी पी खाती,नवेंदु मठपाल, संजीव कुमार,पद्मा, बालकृष्ण चंद मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *