“Policy to Scrap 15-Year-Old Vehicles in Uttarakhand: A Significant Step towards Environmental Conservation and Energy Efficiency” “उत्तराखंड में 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की तैयारी: पर्यावरण संरक्षा और ऊर्जा संवेदनशीलता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम”
उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक

“उत्तराखंड सरकार की नई पॉलिसी: 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने का आदेश, हल्द्वानी में 300 सरकारी वाहनों को कार्रवाई की तैयारी शुरू” उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में नई पॉलिसी जारी की है, जिसमें उसके सरकारी वाहनों को 15 साल पुराने होने पर स्क्रैप करने का आदेश है। यह पहल उत्तराखंड के वातावरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि पुराने वाहनों के प्रदूषण और पेट्रोल-डीजल की खपत का परिणाम होता है।
हल्द्वानी शहर में इस पॉलिसी के तहत, करीब 300 सरकारी वाहनों के कार्रवाई के लिए तैयारी शुरू हो गई है। इसका मुख्य उद्देश्य शहर के वातावरण को सुधारना और प्रदूषण को कम करना है। इस नई पॉलिसी के तहत, सरकारी विभागों और अन्य संबंधित विभागों को 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का आदेश दिया गया है। यह विभाग अपने पुराने वाहनों को बेचकर नए और अधिक प्रदूषण योग्य विकल्पों को खरीद सकते हैं। इससे उनके प्रदूषण स्तर में भी सुधार होगा और वाहनों के अधिक उपयोगी जीवनकाल से लाभ होगा।
यह नई पॉलिसी उत्तराखंड को सुस्त प्रदूषण मुक्त राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करेगा। यातायात व्यवस्था को बेहतर करने और प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार ने एक अप्रैल 2023 से 15 साल से पुराने सरकारी वाहनों के संचालन पर पाबंदी लगा दी थी। इन वाहनों की नीलामी की जगह स्क्रैप (कबाड़) किया जाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन स्क्रैप पॉलिसी नहीं होने के चलते तीन माह से इन पर ठोस निर्णय नहीं हो सका था।
बीती 19 जुलाई को परिवहन सचिव अरविंद ह्यांकी ने स्क्रैप पॉलिसी जारी कर दी है। उनकी ओर से जारी पत्र के अनुसार स्क्रैप के लिए इस्पात मंत्रालय से जुड़े ई-पोर्टल के माध्यम से ई-नीलामी कराए जाने की व्यवस्था की गई है। जिन विभागों के वाहन 15 साल से ज्यादा पुराने हैं उन्हें मेटल स्क्रैप ट्रेड कार्पोरेशन (एमएसटीसी) के दिल्ली स्थित कार्यालय से संपर्क करने को कहा गया है। इच्छुक लोग पोर्टल पर बोली लगा सकते हैं।
परिवहन विभाग के आकलन के मुताबिक प्रदेश में हर साल तकरीबन तीन सौ सरकारी वाहन 15 साल की आयु पूरी करते हैं। ऐसे में सरकार को समय से नए वाहनों को खरीदना भी अनिवार्य करना होगा नहीं तो व्यवस्था गड़बड़ाने का डर रहेगा। राज्य सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पॉलिसी जारी कर दी है। स्क्रैप वाहनों की ई-नीलामी इस्पात मंत्रालय से जुड़ी कंपनी के पोर्टल के माध्यम से होगी। पोर्टल पर ही लोग बोली लगा सकेंगे।
वही हल्द्वानी आरटीओ विमल पांडे ने बताया कि यह नियम अभी सरकारी गाड़ियों पर ही लागू होगा।
