रुद्रपुर उधम सिंह नगर आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त अभियान से शराब माफिया में मचा हड़काम।
उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक
रुद्रपुर इंद्रा बंगाली कॉलोनी में मातृशक्ति की एकता लाई रंग सत्ता के विधायक को आना पड़ा मौके पर नाटककिय यह ढंग से विधायक ने पकड़ा शराब माफिया को सिंघम स्टाइल में शराब माफियाको पकड़ कर किया पुलिस के हवाले बात करें तो सूत्रों की हवाले से पता लगा है के वार्ड नंबर 35 का पार्षद खुद बीजेपी का है और पार्षद पति के इशारे पर वहां पर चल रहे थे दर्जनों रेस्टोरेंट एवं होटल मातृशक्ति के आक्रोश की वजह से भाजपा पार्षद रहे नदारत भीड़ का फायदा लेने के लिए पहुंचे क्षेत्रीय विधायक सूत्रों की हवाले से लोगों का कहना है इस तरीके से की कई बार ज्ञापन के माध्यम से भी हमने पुलिस एवं जिले के आल्हा अधिकारी को भी कराया था अवगत नहीं होती है कोई कार्रवाई मातृशक्ति के आक्रोश को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक पहुंचे मौके।
पर जनता को समझने के उद्देश्य से आबकारी जिला अधिकारी को फोन पर सुनाई खरी खोटी बात अगर करें तो जिस तरीके से सत्ता के विधायक को शराब माफिया को पकड़ने के लिए खुद उतरना पड़ा मैदान में कहीं ना कहीं कानून व्यवस्था लचर नजर आती है एक तरफ जिले के पुलिस कप्तान कानून व्यवस्था को लेकर गुड वर्क पुलिस का नाम देते हैं दूसरी तरफ क्षेत्रीय विधायक को खुद शराब माफिया को पकड़ने के लिए मैदान में उतरना पड़ता है यह है कानून व्यवस्था की खुलती पोल का एक नजर इस तरीके से पूरे जिले के अंदर जो कानून व्यवस्था नाम की चीज है वह कहीं ना कहीं मजबूर और लाचार नजर आती है।
जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कम संसाधन होने की हवाला देते हुए अपनी मजबूरी जाहिर की दूसरी तरफ सत्ता के विधायक सिंघम स्टाइल में शराब माफियाओं को पड़कर पुलिस के हवाले करना यह सवाल यह निशान साबित कर रहा है कहीं ना कहीं क्षेत्रीय विधायक नाटक किया ढंग से जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं जब के क्षेत्रीय विधायक खुद इसी क्षेत्र से आते हैं और चप्पे छपे की जानकारी उनको है कहीं ना कहीं मजबूर लाचारी कानून व्यवस्था को छुपाने की कोशिश की जा रही है उधर जब विधायक के हत्या क्षेत्र के बाद आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने छापे मार कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में घरों से शराब को बरामद किया और वही पुराने तरीके से हाथों हाथ गिरफ्तार कर शराब माफियाओं को हाथों-हाथ जमानत दे दी गई कहीं ना कहीं ढीले कानून की वजह से भी नशे की जो हालात हैं।
वह युवा पीढ़ी को कमजोर और दलदल में धकेलते नजर आ रहे हैं अगर समय रहते हुए उत्तराखंड के अंदर जिस तरीके से नशे का कारोबार फल फूल रहा है वह कहीं ना कहीं एक बहुत बड़ी आने वाली दिनों में महामारी का रूप लेने के साथ-साथ नौजवान लड़कों को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है।