मुख्यमंत्री ने शहीद दिवस पर अमर शहीदों को नमन कर अर्पित की श्रद्धांजलि।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु के बलिदान दिवस की संध्या पर आयोजित “एक शाम देश के भगत के नाम” कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। यह आयोजन शिव धरा फाउंडेशन द्वारा रविवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन उन अमर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देने का अवसर है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि इन वीर बलिदानियों ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए मातृभूमि को स्वतंत्र कराने के लिए संघर्ष किया। उनके त्याग और बलिदान के कारण ही आज हम स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद भगत सिंह के विचारों को याद करते हुए कहा कि सच्ची स्वतंत्रता तभी संभव है जब देश में सभी वर्गों और जातियों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों। इसी दिशा में उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू की है, जिससे प्रदेश के सभी नागरिकों को समान कानूनी अधिकार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में किए गए वादे के अनुसार उत्तराखंड को देश का पहला राज्य बना दिया गया है जिसने समान नागरिक संहिता को मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि 23 मार्च को उत्तराखंड सरकार के द्वितीय कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण हुए हैं और इन वर्षों में राज्य ने समग्र विकास के लिए अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” संकल्प की पूर्ति के लिए उत्तराखंड भी समर्पित भाव से योगदान देने हेतु प्रयासरत है।
समाजसेवियों और कवियों का हुआ सम्मान
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देने वाले स्वामी विनायक, सुश्री पल्लवी पटेल, अखिलेश अग्रवाल, श्रीमती प्राची कंडवाल, संजीव गोयल सहित प्रसिद्ध कवि डॉ. हरिओम पंवार, अमित शर्मा, कुशल कुशवाहा, महिमा श्री और श्रीकांत को सम्मानित किया।
कार्यक्रम को कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर शिव धरा फाउंडेशन के लल्लन सिंह, विशाल जिंदल, उमेश पटेल, मयंक सिंह गौर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
