कमिश्नर दीपक रावत आये एक्शन में भ्रष्टाचार की 727 फाइलें फिर जीवित हुई। विकास प्राधिकरण ने दस साल पुरानी फाइलों को किया सूचीबद्ध।

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उधम सिंह राठौर -प्रधान सम्पादक 

हल्द्वानी – कुमाऊं मंडल के सख्त मिजाज मंडलायुक्त दीपक रावत एक्शन में आ गए हैं। विकास प्राधिकरण ने रिकॉर्ड रुम में धूल फांक रही 727 से अधिक भ्रष्टाचार फाइलों को खोज खोज कर निकाला है और उन्हें पूनर्जीवित किया है। इन फाइलों को सूचीबद्ध करने के बाद नोटिस भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कमिश्नर दीपक रावत ने नगर विकास प्राधिकरण में छापेमारी कर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था। उन्होंने एक सेवानिवृत्त कर्मी को काम करते हुए हर महीने बीस हजार रुपए प्राधिकरण से बतौर वेतन वसूलता था।इस कर्मी की नियुक्ति कही थी स्पष्ट नहीं की गई थी। ऐसे में सवाल खड़े हो गए थे कि किस मद से इस कर्मी को वेतन का भुगतान किया जा रहा है।जो सीधे तौर पर प्राधिकरण में बड़े स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार के खेल का पर्दाफाश हो गया था।

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उन्होंने पुरानी फाइलों पर कार्रवाई नहीं होने प्राधिकरण के अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई थी। जिसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों की नींद खुली थी। कमिश्नर दीपक रावत की सख्त मिजाजी के खौफ से प्राधिकरण में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खुलने के डर से प्राधिकरण अधिकारी सतर्क हो गए हैं। प्राधिकरण पुरानी फाइलों को खोज खोज कर निकाल रहा है। प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक अभी तक 727 फाइलें मिली है। इनमें 2012 से लेकर 2022 तक की फाइलें अंकित है। चकित कर देने वाली बात यह है कि करीब दस साल का लंबा समय गुजरने के बाद भी इन फाइलों पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई है। जिसमें अवैध निर्माण, सहित अन्य कई मामलों की फाइलें शामिल हैं।

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