प्रेमिका के शौक पूरे करने के लिए अपने ही घर में रच डाली डकैती।

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रोशनी पाण्डेय- सह सम्पादक

माधोपुर यहां एक घर में हुई डकैती प्रकरण ने उत्तर प्रदेश पुलिस को भी हैरान कर दिया।करीब 15 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय पुलिस ने इस डकैती का खुलासा तो कर दिया, लेकिन डकैती के पीछे के मकसद को जानकर पुलिस के भी होश उड़ गए। यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के गांव माधोपुर का है।दर असल माधोपुर के रहने वाले शिव कुमार विश्वकर्मा एक सोने चांदी के आभूषण की दुकान चलते हैं। उनके परिवार में दो बेटियां और एक बेटा रवि विश्वकर्मा है। रवि ने बमुश्किल इंटर तक की पढ़ाई पूरी की और पिता के करोबार में हाथ बंटाने लगा। रवि सुरत और शक्ल से हैंडसम था,

 

और गांव की अधिकांश युवतियों को अपने प्रेम जाल में फंसाने में माहिर था। लेकिन शायद उसे इस बात की खबर नहीं थी कि एक दिन उसे इस प्रेम जाल के चक्कर में जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा। यह पूरा मामला एक शातिर हसीना युवती से जुड़ा हुआ है।रवि एकमात्र पुत्र था, इसलिए उसके पिता उसकी हर ख्वाहिश पेरी किया करते थे। रवि को उसके पिता ने पालसर मोटरसाइकिल खरीद कर दी, जिसकी जिद वह लंबे समय से कर रहा था। इसी दौरान रवि के पिता ने उसे एक दिन किसी काम से बस्ती जिले में भेजा। जहां एक रेस्टोरेंट में उसका आमना सामना सुमन नामक युवती से हुआ। दोनों उसी रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे। आंखों आंखों में सुमन ने रवि को इशारे किए तो रवि फूले नहीं समाया उसने भी सुमन के इशारों का जवाब इशारों में दे दिया। कुछ देर बाद दोनों आमने-सामने बैठें थे।

 

सुमन ने रवि को अपना फोन नंबर दिया और रवि ने उसे अपना इसके बाद रवि गांव वापस लौट आया। लेकिन इसके बाद रवि का काम में मन नहीं लगता था,वह अक्सर फोन पर बातचीत करता और व्हाट्स ऐप पर चैटिंग करता रहता था। इसके बाद दोनों के बीच मुलाकातें शुरू हो गई। रवि अक्सर बहाना बनाकर बस्ती शहर जाता और दोनों घंटों तक समय बीतते थे।इस दौरान रवि सुमन को महंगे मोबाइल फोन और कपड़े और तोहफे दिया करता था। फिर वो दिन आया जब सुमन ने रवि को अपराध करने के लिए विवश कर दिया। सुमन ने एक दिन रवि को फोन किया और उसे तुरंत मिलने बुलाया। रवि ने तुरंत अपनी बाइक उठाई और बस्ती के लिए के लिए निकल पड़ा।

 

रवि जैसे ही सुमन के पास पहुंचा वह आंसू बहाने लगी और रवि से लिपट कर जमकर रोई रवि ने जब वजह पूछी तो उसने बताया कि उसकी बड़ी बहन की शादी होने जा रही है। लेकिन वर पक्ष दहेज में कार की मांग कर रहे हैं। उसने बताया कि कार न देने पर वह शादी से इंकार कर रहे हैं।सुमन ने रवि से कहा कि तुम्हें मेरी मदद करनी होगी।तुम्हारे पिता सोने चांदी के आभूषण के व्यापारी हैं, तुम्हारे लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है।यह बात सुनकर रवि ने कहा कि तुम चाहती क्या हो मैं क्या करूं।इस पर सुमन ने झट से कहा कि तुम अपने पिता से 15 लाख रुपए लाकर मुझे दे दो,उस पैसे से हम कार लेकर दहेज में दे देंगे, और तुम्हारी इस मदद से हमारे परिवार में तुम्हारा मान सम्मान बढ जाएगा, जिसके बाद हम दोनों को शादी करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। रवि ने सोच समझकर कहा कि मैं दो चार दिन बाद तुम्हें बताता हूं।वह वहां से वापस लौट गया। रवि अपने घर पहुंचा और सुमन की बातें उसके दिमाग में घूमने लगीं।वो हर वक्त सोचने लगा।

 

लेकिन उसे कोई रास्ता नजर नहीं आया। जिसके बाद रवि के दिमाग में तरह तरह के षड्यंत्र आने लगें।इस दौरान सुमन उसे लगातार फोन और मैसेज करतीं रही। तीसरे दिन रवि बस्ती पहुंचा और उसने सुमन को भी बुलाया। उसने सुमन से कहा कि मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है, आखिर कैसे इतनी बड़ी रकम का बंदोबस्त करु। इसके बाद उसने सुमन से कहा कि मेरे दिमाग में एक प्लान आया है,अगर तुम थोड़ी सी मदद कर दो 15 नहीं पूरे बीस लाख का बंदोबस्त हो सकता है।सुमन की आंखों का लालच राल बनकर बेहाने लगा। उसने तुरंत पूंछा कि वह कैसे।इस पर रवि बोला कि मेरी छोटी बहन की शादी में अभी चार महीने बाकी हैं। उसके लिए मेरे पिता ने सात लाख के कीमती ज़ेवर बनवाएं है, इसके अलावा घर की अलमारी में में सात आठ लाख रुपए नगद होंगे, और मां के जेवर भी उसी अलमारी रखें है।कुल मिलाकर 17-18 लाख रुपए तक मिल सकतें हैं। उसने सुमन को सारी बात बताई तो सुमन भी एक बार डर गई। लेकिन रवि बिना डर उसे सारा षड्यंत्र समझता रहा है। इसके लिए रवि और सुमन ने बस्ती जिले के दो शातिर बदमाशों को पैसों का लालच देकर अपने साथ मिला लिया, और सारा षड्यंत्र रच डाला। रवि ने प्लान में शामिल बदमाशों को बताया कि 18 अप्रैल को उसके पिता और मां बहन की ससुराल जा रहा है। जहां वह दो दिन रुकेंगे।उस दिन वह और उसकी बहन घर पर मौजूद होंगे। मैं अपनी बहन को नींद की गोलियां खिलाकर सोने के लिए भेज दूंगा। आंधी रात को तुम लोग मेरे घर में घुसकर अलमारी में रखा सारा सामान लूट कर मुझे रस्सी से बांध कर भाग जाना।

 

मैं सुबह को शोर मचाने का नाटक करुंगा। वही रवि ने कहा कि पुलिस को गुमराह करते हुए उल्टी सीधी बातें बता दूंगा।बस फिर क्या था षड्यंत्र के तहत सारा काम बड़ी सफलता से पूरा हो गया। लेकिन रवि को शाय़द पता नहीं था कि पुलिस रस्सी का सांप बनाने में माहिर हैं। डकैती के दूसरे दिन सुबह को रवि की बहन नींद से जागी तो उसने देखा कि रवि कुर्सी से रस्सी से बांध हुआ है और बेहोश हैं। उसने कमरे में जाकर देखा तो अलमारी से सारा सामान गायब हैं।यह देख उसने शोर मचाया और आसपास के लोग जमा हो गए। गांव के एक व्यक्ति ने इस मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके का जायजा लिया, और रवि को नजदीक के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। इस मामले की सूचना पर रवि के माता-पिता भी घर पहुंचे और उनके होश उड़ गए। थाना प्रभारी विजेता सिंह को उन्होंने बताया कि अलमारी में बेटी की शादी के गहने और उसकी मां के गहनों के अलावा लाखों रुपए नगद भी रखें हुए थे। जिन्हें अज्ञात डकैत लूट कर ले गए। लेकिन थाना प्रभारी विजेता सिंह के दिमाग में यह बात फस नहीं रही थी। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर वहां मौजूद चिकित्सकों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि रवि के बेहोश होने के कारणों अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। लेकिन ऐसा लगता है कि रवि बिल्कुल अपने हौशौ हवास में था।बस ये ही गलती रवि कर कर बैठा। उसने बहन को नींद की गोलियां खिलाई लेकिन खुद सिर्फ नाटक किया। जिसके बाद पुलिस ने रवि की काल डिटेल खंगाली तो उसमें सुमन और आकाश तिवारी का नंबर सामने आया। रवि ने घटना के एक दिन पहले की रात में इन नंबरों से घंटों बातचीत की थी। फिर क्या था पुलिस ने सबसे पहले सुमन को हिरासत में लिया, और उससे पूछताछ शुरू कर दी। पहले तो सुमन पुलिस को इधर-उधर भटकाती रही, लेकिन जब महिला पुलिस कर्मियों ने थोड़ी सख़्ती दिखाई तो उसने सारी कहानी उगल दी। जिसके बाद पुलिस ने आकाश तिवारी को गिरफ्तार कर लिया, और फिर रवि को भी गिरफ्तार कर लिया।

 

 

पुलिस ने उनके कब्जे से डकैती के गहने और नगदी भी बरामद कर ली। लेकिन जब सुमन ने पुलिस को बताया कि उनका एक गिरोह है,जो ऐसे आशिक मिजाज युवकों अपने प्रेम जाल में फंसाकर उनसे घर में रखें कैश और जेवरात की जानकारी हासिल कर उनकी मदद से ऐसा काम कर नौ दो ग्यारह हो जातें हैं।यह बात जानकर रवि के होश उड़ गए।उसे क्या पता था कि जिसे वह प्यार की आस लगा रहा है, वही माशूका उसे अपराध की दुनिया में धकेलने का काम कर देंगी। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में डकैती जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तीनों को न्यायालय में पेश किया। जहां से अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

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