जिला अस्पताल दलालों के चंगुल में मेडिकल बनाने के लिए जमकर वसूला जा रहा है सुविधा शुल्क (जिला अस्पताल में मंडराते रहते हैं दलाल अस्पताल में तैनात चिकित्सकों से है संपर्क)

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उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

रुद्रपुर –   ईश्वर कहें जाने वाले चिकित्सकों ने फिर एक बार अपने पेशे को शर्मसार किया है। वही इस मामले के सामने आने के बाद रुद्रपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू जिला अस्पताल एक बार सुर्खियों में है। ताज़े मामले के मुताबिक होली के दूसरे दिन यानी 19 मार्च को नगर की खेड़ा कालौनी में दो पक्षों के बीच किसी विवाद को लेकर मारपीट हो गई।इस मारपीट में जमीर और शकील निवासी खेड़ा कालौनी निवासी इशरत, गौरी, आदिल और एक अन्य व्यक्ति ने मारपीट शुरू कर दी। जिसमें जमीर को आरोपियों ने लाठी डंडों और धारदार हथियारों से लैस पीटकर गंभीर रूप से घायल कर।जमीर के साथ इतनी निर्मम तरीके से मारपीट की गई कि उसके सर में गंभीर चोट आई, वही आरोपियों ने शकील के साथ भी मारपीट की और शकील को बंद चोटे आई। घटना में घायल जमीर को 19 मार्च की देर रात जिला अस्पताल पहुंचाया गया।

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वही जमीर के बड़े भाई अमीर ने बताया कि जब वह अपने भाई जमीर को अस्पताल लेकर पहुंचे तो आपतकालीन डियूटी पर तैनात चिकित्सक ने उसके सर में लगी चोट में टांके भरें। वही मेडिकल बनाने के दौरान यहां मौजूद किच्छा क्षेत्र के वार्ड बाय ने मेडिकल बनाने के लिए पांच हजार रुपए मांगे। शकील के मुताबिक इस वार्ड बाय ने कहा कि मेडिकल सही तरह से बनाने के लिए आपको पांच हज़ार रुपये देने होंगे।इसी दौरान दूसरा पक्ष भी मामूली तौर पर खुद को घायल कर मेडिकल बनाने के लिए जिला अस्पताल जा पहुंचा।आरोप है कि उस वार्ड बाय ने दूसरे पक्ष भी से हल्की फुल्की चोटे दर्शाने के नाम पर पैसे ले लिए। जिसके बाद डियूटी पर तैनात चिकित्सक ने धन वसूली करने वाले युवक से राय मशविरा कर घायल जमीर का मेडिकल परीक्षण कर दर्शा दिया कि वह मामूली चोटे है।

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वही हैरानी इस बात की भी है, कि जब जमीर को मामूली चोटे आई थी तो चिकित्सक ने उसे हल्द्वानी के डा सुशील तिवारी अस्पताल में रैफर क्यों किया। इस मामले को लेकर सीएमएस डा. देवेंद्र पचपाल से जब दूरभाष पर बातचीत की गई तो उन्होंने इस मामले से हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने साफ कहा कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वही पीड़ित पक्ष इस मामले की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनीता रतूड़ी से करने की तैयारी कर रहा है।

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यह बात भी सामने आई है कि घटना वाले दिन से रिश्वत लेने वाला वार्ड बॉय डियूटी पर ही नहीं आ रहा है। अब सवाल यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह जनपद ऊधम सिंह नगर में कर्तव्य निष्ठ चिकित्सकों की यह करतूत भाजपा सरकार को भी सवालों के घेरे में ला रही है। फिलहाल पीड़ित पक्ष ने इस मामले की शिकायत स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारियों से करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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