ज़िम्मेदार मोन तो रोके कोन, सावधान : रामनगर की सड़कों पर मंडरा रही है मौत, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश आदेशों की अधिकारी जमकर उड़ा रहे धज्जियां।

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ज़िम्मेदार मोन तो रोके कोन, सावधान : रामनगर की सड़कों पर मंडरा रही है मौत, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश आदेशों की अधिकारी जमकर उड़ा रहे धज्जियां।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

Parivahan : जनपद नैनीताल के रामनगर शहर की सड़कों पर इन दिनों मौत मंडराती हुई दिखाई दे रही है, क्योंकि यातायात के नियमों को ताक पर रखकर, जमकर वाहन संचालित किए जा रहे हैं अपनी क्षमता से अधिक सवारियों को बिठाया जा रहा है। अपनी क्षमता से अधिक वाहनों में लोड भरकर लेकर जाया जा रहा है, जिसको रोकने – टोकने वाला परिवहन विभाग कुंभकरण की नींद में सोया हुआ है। जिस वजह से सड़क दुर्घटना का ग्राफ भी बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है, इतना ही नहीं परिवहन विभाग की लापरवाही के साथ-साथ और भी जिम्मेदार अधिकारियों की भी लापरवाही जमकर देखी जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले अतिक्रमण मुक्त प्रदेश बनाने को लेकर अभियान क्यों ना चला रहे हो, लेकिन रामनगर की सड़कों पर अतिक्रमण ही अतिक्रमण है। इसी अतिक्रमण और नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे वाहनों की वजह से एक्सीडेंट ग्राफ भी बढ़ता जा रहे हैं, और इस एक्सीडेंट में ना जाने अब तक कितने लोग घायल हो चुके हैं, और कितने लोग परलोक पहुंच चुके हैं। लेकिन इतना सब होने के बाद भी जिम्मेदार विभागीय अधिकारी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती है।

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अधिकारियों की लापरवाही से उत्तराखंड की छवि हो रही है देश-विदेश में धूमिल।

आपको बता दें उत्तराखंड का रामनगर शहर विश्व में प्रसिद्ध क्षेत्र माना जाता है, जहां कॉर्बेट नेशनल पार्क में घूमने के लिए देश-विदेश के सैलानियो का भी आना जाना हैं, लेकिन सैलानियों को कॉर्बेट नेशनल पार्क का लुफ्त उठाने से पहले जाम की समस्या, सड़क किनारे अतिक्रमण ही अतिक्रमण की झाकियां दिखाई देती है, ऐसे में आप खुद अनुमान लगा लीजिए कि हमारे उत्तराखंड में घूमना आए सैलानियों की नजर में उत्तराखंड की क्या पहचान बनेगी।

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उत्तराखंड में अतिक्रमण को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हैं चिंतित..

उत्तराखंड में अतिक्रमणकारियों ने उत्तराखंड को बदसूरत बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लगातार अधिकारियों को सख्त हिदायत और निर्देश दिए जा रहे हैं, कि अपने क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त बनाया जाए जिसके बावजूद भी रामनगर शहर की सड़कों पर अतिक्रमण देखने को खूब मिल जाएगा। लेकिन अधिकारी इस अतिक्रमण के खिलाफ कोई कठोर अभियान चलाते हुए दिखाई नहीं दे रहे है। अतिक्रमण हटाने के नाम पर अधिकारियों का एक्शन ड्रामा तो धरातल पर खूब दिख जाएगा, लेकिन अतिक्रमण की समस्या का समाधान धरातल पर दिखाई नहीं देगा।

एआरटीओ साहब कर रहे हैं चलानी कार्रवाई, फिर भी जमकर हो रही है यातायात के नियमों की धज्जियां।

रामनगर की सड़कों पर चलने वाली बसों की छत बैठकर सवारियां अपना सफर तय कर रही हैं अनफिट गाड़ियां सवारियों को मंजिल तक लेकर जा रही हैं, सड़कों पर दिन रात यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा कर गाड़ियां दौड़ती हुई दिखाई दे रही हैं। जिन को रोकने के लिए कोई भी परिवाहन विभाग के एआरटीओ साहब का कोई भी कठोर कदम उठता दिखाई नहीं दे रहा है।वहीं इस पूरे मामले पर जब एआरटीओ संदीप वर्मा से बातचीत की गई तो एआरटीओ साहब पहले तो अपने चलानो की गिनती बताने लगे, और उस के बाद कठोर कार्यवाही करने की बात करने लगे ऐसे में आप खुद अनुमान लगा लीजिए कि हाल ही में रामनगर की सड़क पर दो युवकों ने सड़क दुर्घटना में अपना दम तोड़ा है। और बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ चिंता का विषय भी बनता जा रहा हैं। उसके बावजूद भी दफ्तर में बैठे अधिकारी कठोर तरीके से सड़कों की सुध नहीं ले रहे है।

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