विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने पेशावर कांड दिवस पर पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली एवं उनके साथी सिपाहियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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उधम सिंह राठौर –  प्रधान संपादक

रामनगर- विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने पेशावर कांड दिवस पर पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली एवं उनके साथी सिपाहियों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए समाज में एकता, सामाजिक सद्भाव, सामाजिक धार्मिक एकता कायम करने का संकल्प लिया। नशा नहीं रोजगार दो आयोजन समिति द्वारा देवभूमि व्यापार मंडल कार्यालय में समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्षा राज्य आंदोलनकारी डॉक्टर धनेश्वरी घिल्डियाल की अध्यक्षता में संपन्न।

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बैठक में समिति के संयोजक राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने इस अवसर पर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के जीवन , पेशावर कांड तथा स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास पर प्रकाश डाला तथा बताया कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने 23 अप्रैल 1930 में अंग्रेजों की फूट डालो राज करो साजिश को विफल कर दिया था जब आजादी के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे खान अब्दुल गफ्फार खान तथा सैकड़ों निहत्थे पठानों पर अंग्रेज कैप्टन के गोली चलाने के आदेश को २/३६ गढ़वाल राइफल के ७२जवानों ने मानने से इंकार कर दिया।

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जिसके लिए उन्हें आजीवन कारावास, कोर्ट मार्शल ,लंबी सजाएं काटनी पड़े।प्रभात ध्यानी ने कहा कि देश को अंग्रेजों की गुलामी से‌ आजाद हुए 75 साल हो गए हैं लेकिन आजादी के बाद भी सत्ता पर काबिज राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने निजी स्वार्थों के लिए अंग्रेजों की फूट डालो राज करो नीति अपनाकर लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने की लगातार कोशिश की जा रही है। प्रभात ध्यानी ने कहा कि पेशावर कांड तथा चंद्र सिंह गढ़वाली की विरासत ही देश में सामाजिक सद्भाव, सामाजिक एकता को कायम रख सकती है।

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इस अवसर पर देवभूमि व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनिंदर सिंह सेठी, लालमणि, गणेश पंत, किरण आर्य, सुनील परनवाल, विनोद, प्रभात ध्यानी, डॉक्टर धनेश्वरी घिल्डियाल आदि उपस्थित थे।

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