पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर एस.सी./एस.टी. इम्प्लाइज एसोसिएशन ने जताया कड़ा विरोध।

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पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर एस.सी./एस.टी. इम्प्लाइज एसोसिएशन ने जताया कड़ा विरोध।

 

 

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा अनुसूचित जाति समाज से आने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं खनन सचिव बृजेश कुमार संत के संबंध में दिए गए अशोभनीय बयान पर एस.सी./एस.टी. इम्प्लाइज एसोसिएशन (उत्तराखंड) ने कड़ी आपत्ति जताई है। एसोसिएशन ने इसे जातिगत अपमान बताते हुए बयान की घोर निंदा की है और पूर्व मुख्यमंत्री से माफी की मांग की है।

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एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि खनन सचिव बृजेश कुमार संत ने प्रदेश में अवैध खनन के आरोपों को निराधार बताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी थी। इस पर जब मीडिया ने सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने बेहद आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “शेर कभी कुत्तों का शिकार नहीं करता,” जो कि न केवल एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का अपमान है, बल्कि अनुसूचित जाति समाज के प्रति दुर्भावनापूर्ण मानसिकता को भी दर्शाता है।

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एस.सी./एस.टी. इम्प्लाइज एसोसिएशन ने कहा कि यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री के जातिगत अहंकार को प्रदर्शित करता है और इससे अनुसूचित जाति समाज में भारी आक्रोश है। एसोसिएशन ने मांग की है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने इस बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो अनुसूचित जाति समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।

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एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि समाज किसी भी प्रकार के भेदभाव को सहन नहीं करेगा और इसके खिलाफ उचित कदम उठाने में पीछे नहीं हटेगा।