उत्तराखंड: मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में दिखाए सख्त तेवर, खराब गुणवत्ता पर अधिकारियों पर गिरी गाज, पौड़ी और पिथौरागढ़ की योजनाओं पर विशेष निर्देश।

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में दिखाए सख्त तेवर, खराब गुणवत्ता पर अधिकारियों पर गिरी गाज, पौड़ी और पिथौरागढ़ की योजनाओं पर विशेष निर्देश।
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उत्तराखंड: मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में दिखाए सख्त तेवर, खराब गुणवत्ता पर अधिकारियों पर गिरी गाज, पौड़ी और पिथौरागढ़ की योजनाओं पर विशेष निर्देश।

 

 उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

 

देहरादून –
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की प्रगति का जायजा लिया और खराब गुणवत्ता वाले कार्यों पर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।

मुख्य निर्देश और फैसले:

गुणवत्ता में लापरवाही पर कार्रवाई:

  • पौड़ी जिले की चुनखेत पंपिंग योजना:
    खराब गुणवत्ता पाए जाने पर अधिशासी अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने और संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
  • पिथौरागढ़ की वासुकीनाग पंपिंग योजना:
    योजना की खराब गुणवत्ता को देखते हुए इसे श्रमदान योजना घोषित कर पुनर्निर्माण का आदेश दिया गया।
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जलापूर्ति सुनिश्चित करने के आदेश:

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी घरों में नलों के माध्यम से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जहां पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां एक महीने के भीतर डीपीआर तैयार कर कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को घर-घर जाकर सत्यापन करने और समस्याओं की जियो टैगिंग कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।

सत्यापन और निगरानी:

  • जल जीवन मिशन के अंतर्गत लगाए गए नलों का प्रदेशभर में सत्यापन होगा।
  • स्थलीय निरीक्षण के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और अधिशासी अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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जांच के आदेश:

ग्रामीणों को जल संरक्षण के लिए दी गई ट्रेनिंग और जागरूकता कार्यक्रमों की जांच के आदेश भी दिए गए। प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं और उन्हें दी गई धनराशि की भी जांच होगी।

हर घर जल ग्राम प्रमाणीकरण:

अब तक 14.05 लाख परिवार जल संयोजन से जुड़ चुके हैं और 6795 ग्रामों को ‘हर घर जल’ के तहत प्रमाणित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया को और तेज़ करने के निर्देश दिए।

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अधिकारियों को चेतावनी:

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वे बैठक में पूरी तैयारी के साथ आएं और सभी आंकड़े अपने पास रखें। लापरवाही या खराब गुणवत्ता मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

उपस्थित अधिकारी:

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना परिषद श्री विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, विभागीय सचिव श्री शैलेश बगौली सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और जिलाधिकारी (वर्चुअल माध्यम से) मौजूद थे।

 

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।