“वनाग्नि सत्र-2024: उत्तराखंड में वन प्रभागों को सुरक्षित रखने और स्थानीय कर्मिकों को तकनीकी योग्यता में सुधार के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अध्ययन”
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
मुख्य वन संरक्षक-वनाग्नि एवं आपदा प्रबन्धन, उत्तराखण्ड के निर्देशन में वनाग्नि सत्र-2024 में वनाग्नि नियत्रंण / प्रबन्धन के उद्देश्य से प्रदेश के समस्त वन प्रभागों में तैनात कार्मिकों को फील्ड स्तर पर मास्टर कन्ट्रोल रूम तथा क्रू स्टेशनों की व्यवस्थाओं को सुदृढ करने के साथ ही वनाग्नि रिपोर्टिंग प्रबन्धन प्रणाली (FFRMS) के क्रियान्वयन, वायलैस सैटों के सुचारू संचालन / प्रबन्धन के साथ ही भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (IIRS) द्वारा विकसित किये गये फॉरेस्ट फायर रिपोर्टिंग मोबाइल ऐप के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में दिनांक 15 फरवरी, 2024 तक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया जाना है।
इस क्रम में आज दिनांक 07.02.2024 को निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व के निर्देशन तथा डा० शालिनी जोशी, उप प्रभागीय वनाधिकारी, कालागढ़, कार्बेट टाइगर रिजर्व की उपस्थिति में कार्बेट वन्यजीव प्रशिक्षण केन्द्र, कालागढ़ में एक दिवसीय वायरलैस ऑपरेटिंग एवं वानाग्नि रिर्पोटिंग कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में कार्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर, कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग, लैन्सडाउन, भूमि संरक्षण वन प्रभाग रामनगर, रामनगर वन प्रभाग रामनगर तथा तराई पश्चिमी वन प्रभाग, रामनगर के वायरलैस ऑपरेटरों, मास्टर कन्ट्रोल रूम प्रभारी तथा वनाग्नि रिपोर्टिंग से जुड़े 54 कार्मिकों के साथ कार्बेट वन्यजीव प्रशिक्षण केन्द्र, कालागढ प्रशिक्षणरत 33 वन आरक्षियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला में श्री भरत सिंह, Retired PFS, वन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा Forest fire scenario in Uttarakhand & Best Practices adopted in forest fire control & mitigation uses & Field Demonstration (Mockdrill), दीपराज, सॉफ्टवेयर डेवलपर द्वारा वनाग्नि रिपोर्टिंग प्रबन्धन प्रणाली (FFRMS) के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में, संजय पुरोहित, वन दरोगा द्वारा फोरेस्ट फायर मैनेजमेन्ट तथा उत्तरांचल कम्युनिकेशन के संजय चौहान द्वारा वायरलैस से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी गयी।
प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया गया कि वनाग्नि सत्र में फील्ड स्तर पर पूर्ण सतर्कता बरती जाये। वनाग्निकाल में प्रतिदिन प्रातःकाल एवं सांयकाल को नियमित फायर ड्रिल की जाये। किसी क्षेत्र में वनाग्नि की घटना घटित होने पर तत्काल नियंत्रण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। वनाग्नि की घटना घटित होने पर इसे सीमा विवाद से न जोड़ा जाये तथा आपसी सामंजस्य से सहयोगात्मक भूमिका से वनाग्नि नियंत्रण की कार्यवाही सम्पादित की जाये।
वनाग्नि नियंत्रण से पूर्व सावधानी एवं निजी सुरक्षा को ध्यान में रखा जाये तथा आवश्यक उपकरणों, अनुकूल वस्त्रों, हैलमेट, जूते आदि के साथ ही वनाग्नि नियंत्रण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। वनाग्नि रोकने के लिए स्थानीय ग्रामीणों के साथ सामंजस्य स्थापित कर जनजागरूकता गोष्ठियों का आयोजन किया जाय ताकि अग्नि सुरक्षा में ग्रामीणों की सहभागिता बनी रहे।
वन क्षेत्राधिकारी, कार्बेट वन्यजीव प्रशिक्षण केन्द्र, कालागढ़।