“राष्ट्र सर्वोपरि: शेरवुड कॉलेज में उपराष्ट्रपति धनखड़ का युवाओं से आह्वान”
“अपने लक्ष्य को आत्मकेंद्रित मत बनाइए, समाज, मानवता और राष्ट्र के लिए कार्य कीजिए”
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
— उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, शेरवुड कॉलेज के 156वें स्थापना दिवस समारोह में
नैनीताल। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को नैनीताल स्थित प्रतिष्ठित शेरवुड कॉलेज के 156वें स्थापना दिवस समारोह में विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने लक्ष्यों को केवल व्यक्तिगत न रखते हुए समाज, मानवता और राष्ट्रहित में केंद्रित करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा, “हम इतिहास में उन्हीं को याद करते हैं जिन्होंने समाज और राष्ट्र के लिए अपना जीवन समर्पित किया।” उन्होंने राष्ट्रवाद को जीवन का मूल मंत्र बताते हुए कहा कि “भारत जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र को बिना शर्त राष्ट्रवाद की आवश्यकता है।”
शिक्षा को बताया सबसे बड़ा समतुल्य
उपराष्ट्रपति ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लोकतंत्र की आधारशिला है और यह सामाजिक समानता का सबसे प्रभावी साधन है। उन्होंने छात्रों को इस शिक्षा का लाभ समाज के वंचित वर्गों तक पहुंचाने का आह्वान भी किया।
अभिभावकों से की विशेष अपील
उपराष्ट्रपति ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को अपनी राह स्वयं चुनने दें। “अगर आप बच्चों के जीवन का उद्देश्य तय करेंगे, तो वे केवल पैसे और सत्ता के पीछे भागेंगे। हमें वैज्ञानिक, खगोलशास्त्री, विचारक चाहिए। बच्चों पर अपने सपने मत थोपिए।”
भारत की वैश्विक यात्रा की सराहना
धनखड़ ने कहा कि भारत अब संभावनाओं का देश नहीं रहा, बल्कि एक निरंतर उभरता हुआ राष्ट्र बन चुका है। उन्होंने बीते दशक को भारत की अभूतपूर्व आर्थिक और बुनियादी ढांचे की प्रगति का दशक बताया।
शेरवुड कॉलेज की विरासत का किया उल्लेख
उपराष्ट्रपति ने कॉलेज के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित करते हुए मेजर सोमनाथ शर्मा, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और अमिताभ बच्चन जैसे पूर्व छात्रों का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि इस विरासत को आगे ले जाना उनकी जिम्मेदारी है।
युवाओं को बताया परिवर्तन का वाहक
धनखड़ ने कहा, “भारत की औसत आयु 28 वर्ष है, जो हमारे लिए वैश्विक जनसांख्यिकीय लाभांश है। हमें वही परिवर्तन लाना है जिसकी आवश्यकता है, और जो हम चाहते हैं।” उन्होंने G-20 में भारत की थीम ‘‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’’ को स्मरण कराते हुए इसे भारत के वैश्विक दृष्टिकोण का प्रतीक बताया।
राज्यपाल ने बताया: शेरवुड कॉलेज चरित्र निर्माण का केंद्र
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से नि) गुरमीत सिंह ने शेरवुड कॉलेज को “एक जीवंत विरासत और चरित्र निर्माण का केंद्र” बताया। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “हर छात्र की सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं होती, वह राष्ट्र की पूंजी होती है।”
राज्यपाल ने कहा कि “जब कोई छात्र समाज की समस्याओं को अपनी जिम्मेदारी मानने लगे, तभी समझा जाता है कि शिक्षा सार्थक है।”
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
समारोह में कुमाऊँ मंडल आयुक्त व मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊँ श्रीमती रिद्धिमा अग्रवाल, जिलाधिकारी श्रीमती वंदना, पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा, प्राचार्य अमनदीप सिंह संधू सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।

