सिस्टम बदला, स्थिति नहीं: रामदत्त जोशी अस्पताल में हाहाकार, सरकारी हाथ में आया अस्पताल, सुविधाएं अब भी नदारद।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
पीपी मोड से स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने के बाद भी रामनगर स्थित रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय की हालत में कोई ठोस सुधार नहीं दिख रहा है। लंबे संघर्ष के बाद अस्पताल को सरकार के नियंत्रण में लाया तो गया, लेकिन मरीजों के लिए यह कदम फिलहाल राहत देने वाला साबित नहीं हो सका है।
डॉक्टरों की भारी कमी, जांच मशीनों का अभाव और खस्ताहाल इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इलाज के लिए आने वाले लोग मायूस होकर लौट रहे हैं, जिससे जनता के बीच गहरी नाराजगी है।
स्वास्थ्य विभाग ने जरूर आश्वासन दिया है कि जल्द हालात सुधारे जाएंगे, लेकिन मौजूदा हालात में यह अस्पताल “आसमान से गिरे, खजूर में अटके” जैसी स्थिति में पहुंच गया है। मरीजों को न तो निजी मोड की सुविधाएं मिल पा रही हैं और न ही सरकारी सिस्टम की मजबूती का लाभ।
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि अस्पताल में जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टर, जांच उपकरण और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि आम जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।










