दिव्यांग महागठबंधन की बैठक सम्पन्न, 8 मई को लोक भवन और बीजेपी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा।

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दिव्यांग महागठबंधन की बैठक सम्पन्न, 8 मई को लोक भवन और बीजेपी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा।

उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक

लखनऊ। दिव्यांग महागठबंधन की बैठक राजधानी स्थित ईको गार्डन में सम्पन्न हुई। बैठक में सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए 8 मई को मुख्यमंत्री कार्यालय (लोक भवन) में ताला डालने और भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर हनुमान चालीसा पाठ कर विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया गया।

महागठबंधन के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार दिव्यांगजनों की उपेक्षा कर रही है और उनकी समस्याओं को लेकर संवेदनशील नहीं है। महासचिव वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि सरकार की नीतियाँ दिव्यांगों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 18 मार्च को दिव्यांग सशक्तिकरण राज्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के बाद सरकार ने मनगढ़ंत कार्यवृत्त जारी किया, जो बैठक के निर्णयों का उल्लंघन है।

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महागठबंधन लंबे समय से 14 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है, जिनमें प्रमुख हैं – दिव्यांग पेंशन ₹5000 मासिक किया जाना, लेखपाल व मुख्य सेविका अभ्यर्थियों को नियुक्ति, सीजनल अमीनों का विनियमितिकरण, नौकरियों में आरक्षण कोटा पूरा करना, और दिव्यांगजन अधिनियम 2016 का पूर्ण क्रियान्वयन। साथ ही, सभी दिव्यांगों को आवास, आयुष्मान कार्ड और अंत्योदय कार्ड उपलब्ध कराने की मांग भी शामिल है।

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महागठबंधन के अध्यक्ष मनीष प्रसाद ने कहा, “उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई व्यवस्था शेष नहीं रह गई है। दिव्यांगों के साथ हो रहा यह अन्याय अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

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कोषाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने चेतावनी दी कि अगर अब भी न्याय नहीं मिला तो यह आंदोलन सड़क से सरकार तक पहुंचेगा।

बैठक में प्रदेशभर के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें दुर्गेश कुशवाहा (सीतापुर), राम निहाल द्विवेदी (गोंडा), कृष्ण कुमार सिंह (चंदौली), तेज बहादुर प्रसाद (देवरिया), कौशल गौड़ (कानपुर), अजीत मिश्रा (आजमगढ़), और ज्ञानेंद्र पाठक (लखनऊ) प्रमुख रहे।