छह दिन से सुलग रहा काशीपुर: राधेहरी कॉलेज में छात्र आंदोलन तेज, भूख हड़ताल पर बैठे रिंकू की तबीयत बिगड़ी।

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छह दिन से सुलग रहा काशीपुर: राधेहरी कॉलेज में छात्र आंदोलन तेज, भूख हड़ताल पर बैठे रिंकू की तबीयत बिगड़ी।

उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक

काशीपुर का राधेहरी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय इन दिनों छात्र आंदोलन का केंद्र बन चुका है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े छात्र-छात्राएं पिछले छह दिनों से अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर डटे हुए हैं। आंदोलन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठे छात्र रिंकू बिष्ट की अचानक तबीयत बिगड़ने से हड़कंप मच गया।

मौके पर मौजूद प्रशासन और पुलिस टीम ने बीच-बचाव कर रिंकू बिष्ट को ज़बरन उठाकर एम्बुलेंस से काशीपुर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है, लेकिन इस घटना के बाद आंदोलन और उग्र हो गया है।

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छात्रों का आरोप है कि लंबे समय से उनकी समस्याओं को कॉलेज प्रशासन द्वारा नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। कई बार लिखित ज्ञापन दिए जाने के बावजूद मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरन उन्हें धरना और भूख हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा।

धरना स्थल पर लगातार बढ़ती भीड़ और छात्रों की दृढ़ता ने इस आंदोलन को पूरे शहर का मुद्दा बना दिया है। रविवार को काशीपुर महापौर दीपक बाली और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष मौके पर पहुँचे और छात्रों से संवाद स्थापित किया। महापौर ने भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

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इसके बाद देर शाम क्षेत्रीय विधायक त्रिलोक सिंह चीमा भी धरना स्थल पहुँचे। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखें और बातचीत से ही समाधान तलाशें। हालांकि छात्रों ने साफ कह दिया कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं होगा, आंदोलन जारी रहेगा।

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इस पूरे घटनाक्रम के बीच तहसीलदार पंकज चंदोला भी मौके पर पहुँचे और प्रशासनिक स्तर पर हालात संभालने की कोशिश की।

छात्रों का कहना है कि यह संघर्ष सिर्फ पांच मांगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनकी आवाज़ को सुनने और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की लड़ाई है। आंदोलन अब राजनीतिक रंग भी लेने लगा है और यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला तो यह संघर्ष और बड़ा रूप ले सकता है।