मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिखणीखाल में शहीद स्मरण समारोह में की 102.82 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिखणीखाल में शहीद स्मरण समारोह में की 102.82 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास।
ख़बर शेयर करें -

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिखणीखाल में शहीद स्मरण समारोह में की 102.82 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

पौड़ी गढ़वाल/रिखणीखाल।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राजकीय इंटर कॉलेज रिखणीखाल में आयोजित शहीद स्मरण समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुल 102.82 करोड़ रुपये की लागत से 11 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 56.58 करोड़ रुपये की लागत की 6 योजनाओं का लोकार्पण तथा 46.24 करोड़ रुपये की लागत की 5 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं कीं, जिनमें राजकीय इंटर कॉलेज रिखणीखाल का नाम श्री गुणानंद जी के नाम पर रखने, प्रेक्षागृह निर्माण, हेलीपैड व अतिथि गृह निर्माण, नए स्वास्थ्य केंद्र व पशु सेवा केंद्र की स्थापना, कई पम्पिंग योजनाओं व मोटरमार्गों का निर्माण, तथा शहीदों के नाम पर सड़कों के नामकरण शामिल हैं।

यह भी पढ़ें 👉  कपाट बंद होने के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे श्री केदारनाथ धाम,  सीएम धामी ने प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण किया। उन्होंने ओखली में धान कूटा, सिलबट्टे पर चटनी पीसी और मट्ठा बिलोने जैसी पारंपरिक गतिविधियों में सहभागिता की। उन्होंने कहा कि पहाड़ी उत्पादों की मांग देश-विदेश में लगातार बढ़ रही है और स्थानीय लोगों को स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। समारोह से पहले मुख्यमंत्री ने आर्मी बैंड का अवलोकन किया और “मन की बात” कार्यक्रम को उपस्थित जनसमूह के साथ सुना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं बल्कि शहीदों को सामूहिक श्रद्धांजलि देने का क्षण है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लगभग हर घर का कोई न कोई सदस्य सेना से जुड़ा है। राज्य सरकार सैनिकों व उनके परिजनों के कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है।

उन्होंने बताया कि शहीदों की अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। परमवीर चक्र व अन्य वीरता पुरस्कार विजेताओं की राशि में भी वृद्धि की गई है। शहीदों के अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार रुपये सहायता राशि दी जा रही है। सैनिकों को भूमि खरीद पर 25 प्रतिशत तक स्टांप ड्यूटी छूट दी जा रही है। अब तक 28 परिजनों को सरकारी सेवा में नियुक्ति दी जा चुकी है और 13 मामलों पर प्रक्रिया जारी है।

यह भी पढ़ें 👉  ग्रीनफील्ड अकैडमी में “लेवल अप प्रेजेंट 3/3 इंटर स्कूल बास्केटबॉल टूर्नामेंट” का भव्य शुभारंभ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन जैसी योजनाएं लागू की हैं, और देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम का लोकार्पण शीघ्र किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पौड़ी जनपद में कंडोलिया में 100 मीटर ऊंचा तिरंगा और पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत पार्क का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा चारधाम पैदल मार्ग, ट्राइडेंट पार्क, सतपुली झील और धारी देवी पैदल मार्ग जैसी परियोजनाएं प्रगति पर हैं।

यह भी पढ़ें 👉  भीमताल पुलिस ने चोरी का किया त्वरित खुलासा — चोरी का माल शत-प्रतिशत बरामद, आरोपी गिरफ्तार।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्रवाद और जातिवाद से ऊपर उठकर विकास के लिए कार्य कर रही है। समान नागरिक संहिता (UCC), नकल विरोधी कानून, दंगा विरोधी कानून और ऑपरेशन कालनेमि जैसे ऐतिहासिक निर्णय सुशासन के प्रतीक हैं।

विधायक महंत दिलीप रावत ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि भव्य सैन्य धाम उत्तराखंड का गौरव बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि रिखणीखाल जैसी वीरभूमि से ही प्रेरणा मिलती है।

इस अवसर पर एडम बटालियन कमांडर कर्नल मंजुल कफल्टिया ने कहा कि भारतीय सेना सदैव शहीदों के परिजनों के साथ खड़ी है। किसी भी समस्या के समाधान हेतु परिजन गढ़वाल राइफल्स केंद्र, लैंसडाउन से संपर्क कर सकते हैं।

कार्यक्रम में गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष पं. राजेंद्र अण्थवाल, जिला पंचायत सदस्य अनूप पटवाल, ब्लॉक प्रमुख रेखा रावत, प्रमुख जयहरीखाल रणवीर सजवाण, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।