
सैनिक कैंटीन हेतु उपलब्ध कराया टिन शेड व पानी का कूलर।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
सेना देश की आना बान शान है, कहा जाता है जिस देश की सेना मज़बूत होती है उसकी सरहदे मजबूत होती है, पडोसी देश उस देश की तरफ आँख भी नहीं उठाते,आज़ भारत देश की सेना विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है,भारतीय सेना का परचम सभी देशों मे लहराने वाले हमारे जाबाज सिपाही देश के खातिर 24 घंटे बॉर्डर पर तैनात रहते है, जिस कारण किसी भी तरह की घुसपैठ नहीं होती,और हम चैन से अपनें घरो मे सुरक्षित रह रहे है,सेना को मजबूत करने के लिए देश मे विभिन्न तरह की योजनाएँ बनायीं जाती है व सेना को आवश्यक सामग्री प्रदान की जाती है, यही सैनिक एक लम्बे समय देश सेवा देने के पश्चात् सेवानिवर्त होकर पूर्व सैनिक की भूमिका मे आ जाते है।
सैनिको को दी जाने वाली मुख्यतः कैंटीन सुविधा जो की सैनिको को सेना मे कार्यरत रहते हुवे व सेवानिवर्त के पश्चात भी दी जाती है।रामनगर मे इसी तरह की कैंटीन जो की वर्ष 2004 से लखनपुर स्तिथ विश्राम गृह मे संचालित की जा रही है, जिसका फायदा रामनगर के आस पास रह रहे लगभग 3000 वीर नारिया, पूर्व सैनिक व सैनिक परिवार ले रहे है। कैंटीन मे आने वाले कई पूर्व सैनिक पहाड़ो से आते है, जो दिन मे अपना सामान लेकर सांय या अगले दिन अपनें घर वापसी करते है,कैंटीन के बाहर पूर्व सैनिको के पिने के लिए पानी व बैठने व छाव हेतु ेएक टीन शेड की बहुत लम्बे समय से माँग की जा रही थी, जिसका निराकरण करते हुवे पूर्व सैनिक उत्थान एवम कल्याण समिति के अध्यक्ष कुलवंत सिंह रावत व समिति के सचिव भुवन सिंह डंगवाल द्वारा उनकी इस माँग को कैंटीन अधिकारियो, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी हल्द्वानी व उत्तर भारत एरिया बरेली तक पहुंचाया गया।
जिसका सार्थक जवाब प्राप्त कर आज़ कैंटीन परीशर मे टीन शेड व पानी पिने हेतु वॉटर कूलर लगवा दिया गया है,जिस हेतु अध्यक्ष व सचिव द्वारा सभी अधिकारियो का धन्यवाद अदा किया गया।सचिव भुवन सिंह डंगवाल द्वारा बताया गया की सेना मे रहते हुवे उनके द्वारा महसूस किया गया है की सेना कभी भी अपनें सैनिक व उनके परिवार को नहीं भूलती ना ही उन्हें कष्ट मे रहने देती है,सैनिक सेना मे कार्यरत हो या सेवानिवर्त सेना हमेशा उसके साँथ ख़डी रहती है। अतः सैनिक को कभी भी अपना सैनिक धर्म नहीं भूलना चाहिए।देश के प्रति ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए।
उन्होंने युवाओ से अपील की है ज्यादा से ज्यादा युवा सेना मे अपनी सेवाए दे, जिससे वे स्वयं को तो मजबूत करे ही साँथ मे देश को मजबूत करने मे अपना सहयोग प्रदान करे।

