पर्यटन प्रदेश की बैकबोन: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून,
प्रदेश के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली और आगामी कार्यों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़ है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि चारधाम यात्रा और धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ अन्य पर्यटन स्थलों को भी समान रूप से विकसित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं और इसमें सभी हितधारकों से संवाद सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने टिहरी झील रिंग रोड परियोजना को समावेशी ढंग से प्लान करने के निर्देश दिए, ताकि पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके। साथ ही, क्वालिटी टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए साहसिक पर्यटन, ट्रैकिंग और अन्य गतिविधियों पर विशेष योजनाएं तैयार करने की बात कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने हेतु एक स्पष्ट कार्य कैलेंडर तैयार किया जाए। उन्होंने मानसखण्ड मंदिर माला परियोजना के प्रथम चरण के कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।
संस्कृति संरक्षण पर विशेष जोर
संस्कृति विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने राज्य में एक राज्य स्तरीय संग्रहालय की स्थापना के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की लोककलाएं, लोकनृत्य और संस्कृति हमारी पहचान हैं, जिन्हें संरक्षित और संवर्धित करना अनिवार्य है।
इसके साथ ही उन्होंने राज्य के अभिलेखागारों के डिजिटाइजेशन, हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र देहरादून के वार्षिक कैलेंडर, तथा नाट्य शिविरों व रंग मंडलों की स्थापना हेतु ठोस योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक दलों का गठन कर उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत किया जाए।
बैठक में उपस्थित
बैठक में सचिव सचिन कुर्वे, युगल किशोर पंत, अपर सचिव अभिषेक रोहिला, निदेशक संस्कृति श्रीमती बीना भट्ट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


