यात्रा में कठिनाइयों का सामना: चालकों की हड़ताल ने बढ़ाई सामान्य लोगों की परेशानियां।”
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के आह्वान पर मैदान से लेकर पहाड़ तक रोडवेज समेत तमाम निजी बसों और ट्रकों के पहिये सोमवार को साल के पहले दिन जाम रहे। चालकों की हड़ताल के चलते पर्यटकों के साथ ही आम जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बस अड्डों पर सैकड़ों यात्री ठगे से रह गए। कुछ ने टैक्सियों का रुख किया, जिन्होंने मौके का फायदा उठाकर यात्रियों से दोगुना-तीन गुना तक किराया वसूला।
हल्द्वानी, नैनीताल, रुद्रपुर, काशीपुर समेत सभी जगह रोजाना की तरह बस स्टेशन में सुबह से यात्रियों का आने का सिलसिला शुरू हो गया था। हड़ताल की जानकारी के अभाव में यात्री बसों की तलाश में इधर उधर भटकते रहे। दिल्ली, देहरादून, रामपुर, नैनीताल सहित किसी भी मार्ग पर बस न मिलने पर तमाम यात्रियों ने टैक्सियों का सहारा लिया। कुछ ने ट्रेनों में सफर किया तो तमाम लोगों ने यात्रा स्थगित कर दी।
बस चालकों की हड़ताल से परिवहन निगम के हल्द्वानी व काठगोदाम डिपो को ही करीब 30 लाख रुपये की चपत लगी है। रुद्रपुर, काशीपुर समेत दूसरे डिपो का नुकसान जोड़ दें तो यह एक करोड़ से ज्यादा की चपेट में निगम आ गया है। इसी तरह ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल में शामिल होने से अकेले हल्द्वानी में ही करीब एक करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है।

