खनन और स्टोन क्रेशर पर हाईकोर्ट की रोक अवैध खनन पर सख्त हुआ हाईकोर्ट (डीएम नैनीताल को रामनगर से एक स्टोन क्रेशर हटाने के दिये निर्देश)

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उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

नैनीताल – उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार गंगा नदी में खनन और नैनीताल के रामनगर के सक्खनपुर स्थिति मनराल स्टोन क्रेशर पर रोक लगा दी है। मंगलवार को दायर याचिका मृत सदन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिए हैं। याचिका की सुनवाई करने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुलवे की खठपीठ ने रायावाला से भोगपुर के बीच हो रहें खखन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

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अदालत ने इस मामले में एन एम सी को पक्षकार बनाकर प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। वही सुनवाई के दौरान डीएम हरिद्वार की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया था। इस शपथ पत्र में कहा गया था कि गंगा नदी में खनन कार्य जारी है, लेकिन सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए। जबकि नेशनल मिशन फार क्लीन द्वारा 16 फरवरी 2022 को फिर से प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे कि गंगा नदी में खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।इस मामले के मुताबिक हरिद्वार मात्री सदन ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार गंगा नदी में नियमों को दरकिनार कर धल्डले से खनन लगातार जारी है। जिससे गंगा नदी का अस्तित्व ख़तरे में है। गंगा नदी को पलीता लगा रहे हैं। खनन करने वाले नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा नदी को जमकर पलीता लगा रहा है। लिहाजा अवैध खनन पर रोक लगाई जाए। ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जाए। अब खनन कुंभ क्षेत्र में भी किया जा रहा है। याचिका कर्ता का कहना है कि भारत सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एन एम सी बोर्ड गठित किया है।

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जिसका मुख्य मकसद गंगा नदी को साफ करना व उसके अस्तित्व को बनाए रखना है। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने खनन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। वही हाइकोर्ट ने रामनगर में स्थित मनराल स्टोन क्रेशर को बंद करने के निर्देश डीएम नैनीताल को दिए हैं।

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