सरकारी खजाने में लूट, चार साल में चार बार टूटी दीवाल, ग्रामीणों ने लगाये गम्भीर आरोप।

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सरकारी खजाने में लूट, चार साल में चार बार टूटी दीवाल, ग्रामीणों ने लगाये गम्भीर आरोप।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

विश्व प्रसिद्ध जिम कर्बेट पार्क के दामन पर घोटाले के दाग लागने से जिम्मेदार अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं। एक बार फिर जिम कॉर्बेट पार्क के जिम्मेदार अधिकारियों पर स्थनीय लोगो ने लगाए गम्भीर आरोप। आपको बता दें कि जनपद नैनीताल की रामनगर में तहसील के समीप कोटद्वार रोड जो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में आता है वहा पर एक दिवाल है। जिसको स्थानीय लोगों की सुरक्षा और जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। ताकि जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्र में ना आए जाए। और किसी भी ग्रामीण को कोई भी जंगली जानवरों को नुकसान न पहुंचा सके।

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लेकिन यहां पर जोशी कालोनी के समीप एक दीवाल है जो हर साल टूट जाती है। क्योंकि कुछ जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा ठेकेदार के साथ मिलकर घटिया सामग्री का प्रयोग करके घोटाले की दिवार तैयार की जाती है। जो मानसून आते ही गिर जाती है।

 

 

 

स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदार की मिली भगत से जिम्मेदार अधिकारी घटिया सामग्री का प्रयोग कर बॉण्डरी बनवाते हैं। और जैसे ही बरसात का मौसम आता है यह बाउंड्री धराशाई हो जाती है स्थनीय लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि यह बाउंड्री चार साल में चार बार लगातार गिर चुकी है। वहीं कुछ दिन पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने इस दीवाल को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया था। इस इस दीवाल को लेकर हो रहे भ्रष्टाचार के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने तहसीलदार और उप जिला अधिकारी को भी शिकायत की थी। स्थानी लोगों ने बताया कि उप जिलाधिकारी ने इसको लेकर जांच करने का भी भरोसा दिलाया था। सरकारी खजाने से बजट निकाल कर बार – बार यह दीवार बनाई जाती है।

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जबकि इसकी शिकायत कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर साकेत बडोला से की गई तो उन्होंने पार्क वार्डन अमित गवास्कोटि और क्षेत्र के आर ओ बीपी हरबोला को मौका मुहाना करने के लिए भेजा। जब पार्क वार्डन से इस मामले में जानकारी लेकिन चाही तो उन्होंने इस मामले में कोई जानकारी नही दी। मामले को गोल-गोल बताते हुए रफू चक्कर हो गए। वही स्थानीय ग्रामीण इंद्र नेगी ने बताया कि 4 साल में यह दीवार चार बार गिर चुकी है और यह अधिकारियों का आमदनी का जरिया बन चुका है। जिसकी वजह से यहां पर बनने वाली दीवाल में हर बार घटिया क्वालिटी का मटेरियल इस्तेमाल होता है। जब ग्रामणो ने इसकी शिकायत स्थानीय क्षेत्र के आरो से की तो उन्होंने कहा कि यह उत्तम क्वालिटी का पदार्थ है।

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प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का जो बीड़ा उठाया है उसमें यह जिम्मेदार अधिकारी उसकी धज्जियां उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं अब देखने वाली बात यह है कि इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं और भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री की कोई कार्रवाई होती है या नहीं।