मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वाइब्रेंट विलेज योजना की समीक्षा बैठक, योजनाओं को समयबद्धता से पूर्ण करने के निर्देश।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून।
राज्य के सीमावर्ती गांवों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से संचालित वाइब्रेंट विलेज योजना की राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने योजना के अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर समयबद्धता से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि योजनाओं की प्रगति को लेकर केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों से निरंतर संवाद किया जाए ताकि प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं में एक से अधिक विभागों की सहभागिता है, उनमें प्रभावी समन्वय बनाते हुए कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जाए। साथ ही योजनाओं की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए और जिलों द्वारा प्रस्तावित योजनाओं का चयन गंभीरता से किया जाए।
बर्द्धन ने यह भी निर्देश दिए कि वाइब्रेंट विलेज के दृष्टिकोण से अति महत्त्वपूर्ण योजनाओं की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता पर लिया जाए ताकि योजना के मूल उद्देश्यों की पूर्ति सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में सिविल और आर्मी के बीच सामंजस्य के लिए शीघ्र ही एक वर्कशॉप आयोजित करने की भी बात कही, जिसमें आईटीबीपी, सेना, राज्य सरकार के विभागों एवं भारत सरकार के प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक के दौरान सचिव श्रीमती राधिका झा ने जानकारी दी कि योजना के तहत गृह मंत्रालय को 524 प्रस्ताव भेजे गए थे, जिनमें से 181 को स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनमें 115 प्रस्ताव वाइब्रेंट विलेज योजना तथा 66 प्रस्ताव कन्वर्जेंस फंडिंग के तहत स्वीकृत हुए हैं। अब तक 93 कार्यों के लिए धनराशि जारी हो चुकी है।
प्रगति की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि चमोली के 18 स्वीकृत प्रोजेक्ट्स में से 14 पर कार्य शुरू हो चुका है, पिथौरागढ़ के 62 में से 38 कार्यों पर कार्य प्रारंभ हो चुका है, जबकि शेष 24 कार्यों की निविदा प्रक्रिया प्रगति पर है। उत्तरकाशी में 13 परियोजनाओं में से उरेडा द्वारा क्रियान्वित 8 कार्यों का 80% कार्य पूर्ण हो चुका है, वहीं वन विभाग के 5 कार्यों का 60% कार्य पूर्ण हुआ है।
बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, चंद्रेश कुमार यादव, धीराज सिंह गर्ब्याल, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल, आईजी निलेश आनन्द भरणे, आईजी करन सिंह नगन्याल, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, श्रीमती अनुराधा पाल सहित उत्तरकाशी, चमोली एवं पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी मौजूद रहे।
