गुरु पूर्णिमा पर्व पर सिद्धपीठ श्री बालाजी मंदिर कोसी घाट रामनगर में भक्ति की उमंग, हवन और भजनों से गूंजा वातावरण।
उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक
रामनगर, 10 जुलाई 2025।
सिद्धपीठ श्री बालाजी मंदिर, कोसी घाट रामनगर में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व बड़े ही श्रद्धा, उल्लास और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। सुबह से ही मंदिर परिसर में सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जो बालाजी महाराज को गुरु स्वरूप में स्वीकार कर आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु अत्यंत भाव-विभोर एवं भक्तिरस में डूबे हुए दिखाई दिए।
ब्रह्ममुहूर्त में श्री बालाजी महाराज का भव्य चोला श्रृंगार किया गया। ठीक प्रातः 8 बजे मंदिर प्रांगण में हवन अनुष्ठान की शुरुआत हुई, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने श्रद्धा के साथ भाग लिया। हवन के पश्चात श्री बालाजी की दिव्य आरती की गई तथा उन्हें सवामणी भोग अर्पित किया गया।
आरती के बाद भक्तों ने श्री बालाजी महाराज को गुरु तिलक अर्पित किया और मंदिर परिसर गूंज उठा — “जय जय श्री बालाजी महाराज” के उद्घोष से। मंदिर के सेवक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भक्ति रस से ओतप्रोत भजनों ने वातावरण को और भी दिव्य बना दिया। भजनों की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को नृत्य और भक्ति में सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में मंदिर के महंत जी ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा, “जीवन के प्रथम गुरु माता-पिता होते हैं, लेकिन जीवन के विभिन्न मोड़ों पर अनेक गुरुओं से साक्षात्कार होता है जो हमारे जीवन की दिशा और दशा बदलते हैं। हनुमान जी को गुरु रूप में स्वीकारने का प्रमुख कारण है उनका निःस्वार्थ समर्पण, अद्भुत शक्ति, असीम ज्ञान और भक्ति।”
उन्होंने आगे कहा, “ये सभी दिव्य गुण यदि किसी के आशीर्वाद से मिल सकते हैं तो वह केवल श्री हनुमान जी हैं, कोई सांसारिक गुरु नहीं। अतः हनुमान जी को गुरु मानकर उनके गुणों को अपने जीवन में उतारने से जीवन सार्थक हो सकता है।”
कार्यक्रम के समापन पर बालाजी भक्तों ने हनुमान जी से प्रार्थना की कि वे सभी श्रद्धालुओं के कष्ट, रोग, दरिद्रता एवं जीवन की समस्त बाधाओं का नाश करें और सभी को स्वास्थ्य, समृद्धि तथा यश से परिपूर्ण जीवन प्रदान करें।
जय जय श्री बालाजी महाराज! जय जय श्री सीता राम!

