रामनगर: डॉलफिन कंपनी के मजदूरों के समर्थन में सामाजिक संगठनों का विरोध प्रदर्शन।

रामनगर: डॉलफिन कंपनी के मजदूरों के समर्थन में सामाजिक संगठनों का विरोध प्रदर्शन।
ख़बर शेयर करें -

रामनगर: डॉलफिन कंपनी के मजदूरों के समर्थन में सामाजिक संगठनों का विरोध प्रदर्शन।

 

 

 उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

 

रामनगर, 8 नवंबर 2024 – रुद्रपुर (सिडकुल) स्थित डॉलफिन कंपनी के मजदूरों की पिछले 20 दिनों से जारी आमरण अनशन और प्रशासन की उदासीनता के विरोध में विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक संगठनों ने सोमवार को रामनगर में उपजिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मजदूरों की कानूनसम्मत मांगों को तुरंत मानने और कंपनी मालिक प्रिंस धवन पर कार्रवाई की मांग की।

यह भी पढ़ें 👉  हरदोई में दिव्यांग संगठन की विस्तार बैठक सम्पन्न, नए पदाधिकारियों की हुई घोषणा।

 

 

 

संगठनों ने आरोप लगाया कि डॉलफिन कंपनी के मजदूर अपनी मांगों के समर्थन में मजबूर होकर अनशन पर बैठे हैं, लेकिन प्रशासन और श्रम विभाग उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं। अनशन पर बैठे 4 महिला और 2 पुरुष मजदूरों की स्थिति अब नाजुक है। महिला मजदूरों को प्रशासन ने जबरदस्ती जिला अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उनका अनशन जारी है।

यह भी पढ़ें 👉  सघन चेकिंग अभियान में परिवहन विभाग की बड़ी कार्रवाई: 140 वाहन चालान, 09 जब्त।

 

 

 

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रशासन कंपनी मालिक प्रिंस धवन के गैरकानूनी कृत्यों का समर्थन कर रहा है, जिससे पूरे सिडकुल क्षेत्र में असंतोष व्याप्त है। ज्ञापन में मांग की गई है कि:

 

  1. डॉलफिन कंपनी के मजदूरों की सभी जायज मांगों को तुरंत स्वीकार किया जाए।
  2. सभी निष्कासित मजदूरों को फिर से काम पर रखा जाए।
  3. ठेकेदारी व्यवस्था से हटाकर स्थायी श्रमिकों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन दिया जाए।
  4. कंपनी मालिक प्रिंस धवन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
यह भी पढ़ें 👉  पूर्व ब्लॉक प्रमुख बसंती आर्या ने किया नामांकन, 23 मालधन चौड़ सीट से आजमाएंगी किस्मत।

ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि अगर मजदूरों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो राज्य के सामाजिक-राजनीतिक संगठनों को सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

 

 

ज्ञापन देने वालों में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के महासचिव रोहित रुहेला, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंवाल सहित कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।