“दिनांक 21 फरवरी 2024 को रुद्रकी में आयोजित होने वाले ‘साइबर सुरक्षा और नैतिक हैकिंग’ कार्यशाला का सारांश”

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“दिनांक 21 फरवरी 2024 को रुद्रकी में आयोजित होने वाले ‘साइबर सुरक्षा और नैतिक हैकिंग’ कार्यशाला का सारांश

 

उधम सिंह राठौर –  प्रधान संपादक

 

इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजिनियर्स (इंडिया), रुड़की लोकल सेन्टर, आई0आई0टी0कैंपस, रूड़की, उत्तराखंड। द्वारा दिनांक 21 फरवरी 2024 को 2 बजे सायंकाल आयोजित कार्यशाला “साइबर सिक्योरिटी एवं एथिकल हैकिंग” पर रुड़की के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी शिक्षा परिषद को आमंत्रित किया गया है। इस कार्यशाला में निम्न अतिथियों के व्याख्यान होगें। पुलिस- श्री स्वप्न किशोर सिंह, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण। पतंजलि- स्वामी बजरंग देव, पतंजलि वैलनेस।

 

 

एस0बी0आई0-भारतीय स्टेट बैंक- ज्योति रंजन मिश्रा, मुख्य प्रबंधक, मेन ब्रांच, रूड़की। नाइलिट- राजत सिंह, विशेषज्ञ।

चेयरमैन आई0ई0आई0 (इंडिया), रूड़की लोकल सेन्टर-प्रोफेसर कमल जैन। मानद सचिव – आई0ई0आई0 मिकी मेकान दलबेहेरा।
संयोजक-अखिलेश वर्मा, तकनीकी शिक्षा (सदस्य आई0ई0आई0)।साइबर सुरक्षा और नैतिक हैकिंग निम्नलिखित महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

 

• संवेदनशील डेटा की साइबर सुरक्षा।
• साइबर हमलों की साइबर रोकथाम।
• वित्तीय हानियों का सायबर निवारण।
• राष्ट्रीय सुरक्षा/रुपए की साइबर रक्षा।
• गोपनीयता/ व्यक्तिगत जानकारी की साइबर सुरक्षा।
प्रतिष्ठा के नुकसान की साइबर संरक्षा।
• साइबर सुरक्षा मानकों और विधियों का पालन।
• संगठनों को का साइबर विधियों का पालन।
• डेटा उल्लंघन और गैर-संविधान जुर्माना।
• व्यक्तित्व चोरी के निवारण व मदद।
• क्रेडिट कार्ड, लॉगिन क्रेडेंशियल्स की सुरक्षा।
• साइबर युद्ध के खिलाफ रक्षा नैतिक हैकिंग महत्वपूर्ण हैं।
• बौद्धिक संपत्ति की साइबर सुरक्षा।
• पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेड सीक्रेट्स की साइबर सुरक्षा।
• व्यापारिक सामर्थ्य सुनिश्चित करना।
• साइबर धारा के खिलाफ लोगों से सुरक्षा उपाय।
• इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों की सुरक्षा।
• आईओटी दुष्प्रभावी उद्देश्यों से रोकना।
• उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाना।
• मजबूत साइबर सुरक्षा उपाय उपभोक्ताओं और ग्राहकों के बीच विश्वास को बढ़ाते हैं।
• आश्वासन देना कि उपभोक्ता का डेटा सुरक्षित है और साइबर खतरों से संरक्षित है।

 

 

 

• नैतिक हैकिंग तकनीकें सही समय पर साइबर धमाकों का पता लगाती है।
• नैतिक हैकिंग तकनीकें द्वारा साइबर हमलों का प्रभाव कम करना।
• साइबर संभावित नुकसान को नैतिक हैकिंग तकनीकें द्वारा कम किया जाता है।
• निरंतर सुधार: साइबर सुरक्षा और नैतिक हैकिंग नए साइबर खतरों और कमजोरियों के लिए पूर्वानुमानात्मक रक्षा सुनिश्चित करते है। • साइबर सुरक्षा और नैतिक हैकिंग तकनीक साइबर सुरक्षा उपायों का लगातार मूल्यांकन, मॉनिटरिंग और सुधार करते हैं।