उत्तराखंड दौरे पर पहुंची 16वें वित्त आयोग की टीम, भीमताल के गांवों से जाना जमीनी हालात।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
नैनीताल।
16वें वित्त आयोग की टीम उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को नैनीताल पहुंची। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया सहित सदस्यों की टीम ने भीमताल विकासखंड के ग्राम चाफी और अलचौना का भ्रमण किया। दौरे के दौरान आयोग ने क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों, स्थानीय चुनौतियों और विकास की संभावनाओं का जायजा लिया और ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से सीधा संवाद स्थापित किया।
भव्य लोक स्वागत से हुआ आगमन
चाफी-अलचौना पहुंचने पर आयोग की टीम का भव्य स्वागत हुआ। कुमाऊं के पारंपरिक छोलिया नृत्य व महिला समूहों द्वारा प्रस्तुत लोकगीतों से मेहमानों का अभिनंदन किया गया। टीम का स्वागत आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत और जिलाधिकारी वंदना ने किया।
नर्सरी और बागवानी योजनाओं का निरीक्षण
आयोग की टीम ने मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना और पालीहाउस नर्सरी का निरीक्षण किया। लिलियम फूलों के आयात-निर्यात की जानकारी लेते हुए डॉ. पनगढ़िया ने पहाड़ी क्षेत्रों में बागवानी की संभावनाओं पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार पलायन रोकने और कृषि को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं को लागू कर रही है।
ग्रामीणों से सीधा संवाद, रखे सुझाव
इसके बाद टीम ने राजकीय इंटर कॉलेज चाफी में ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और महिला समूहों से सीधा संवाद किया। ग्रामीणों ने शिक्षा, कृषि, सड़कों, नेटवर्किंग, जल संरक्षण और वन्यजीव समस्या जैसे मुद्दों पर खुलकर सुझाव रखे।
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ग्रामीणों ने कहा कि योजनाएं पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति के अनुसार बनाई जाएं, न कि सिर्फ जनसंख्या के आधार पर।
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तीन वन पंचायतों द्वारा जल स्रोतों को पर्यटन स्थल में तब्दील कर जल संरक्षण के प्रयासों की सराहना की गई और उन्हें वित्तीय सहायता देने की मांग की गई।
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कमला देवी ने नेटवर्क न होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने की बात रखी।
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ग्राम प्रधान पूरन भट्ट ने ग्रामीण सड़कों के निर्माण और कृषि सुविधाएं बेहतर करने की बात की।
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हिमांशु पांडे ने योजनाओं में वित्तीय सहायता क्षेत्रफल के आधार पर तय करने का सुझाव दिया।
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बलबीर सिंह ने कोल्ड स्टोरेज और कोल्ड वैन की मांग करते हुए फूल-बागवानी के नुकसान का मुद्दा उठाया।
सांसद-विधायकों ने रखे पक्ष
विधायक राम सिंह कैड़ा ने कहा कि पंचायतों से प्राप्त सुझाव देश की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप योजनाएं बनाने और स्थानीय पहलुओं को नीति निर्धारण में स्थान देने पर बल दिया।
आयोग अध्यक्ष का आश्वासन
डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने बताया कि उत्तराखंड आयोग के दौरे का 26वां राज्य है और यहां प्राप्त सभी सुझावों को गंभीरता से संकलित किया जा रहा है। पंचायत स्तर से प्राप्त सुझावों के आधार पर योजनाओं की प्राथमिकताएं तय की जाएंगी।


