केदारनाथ में उमड़ा आस्था का सैलाब: दो दिनों में 55 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे बाबा के द्वार, धामी सरकार के यात्रा प्रबंधन की जमकर हो रही तारीफ।

ख़बर शेयर करें -

केदारनाथ में उमड़ा आस्था का सैलाब: दो दिनों में 55 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे बाबा के द्वार, धामी सरकार के यात्रा प्रबंधन की जमकर हो रही तारीफ।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

केदारनाथ (उत्तराखंड) – इस वर्ष की केदारनाथ यात्रा आस्था और रिकॉर्ड दोनों में नए आयाम स्थापित करती नजर आ रही है। महज दो दिनों में 55,374 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। शुक्रवार को यात्रा का शुभारंभ होते ही 30,154 तीर्थयात्री केदारधाम पहुंचे, जबकि शनिवार को यह संख्या 25,220 रही।

यह भी पढ़ें 👉  नियमित योग तनाव और चिंता को कम करने में सहायक : घिल्डियाल।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाएं यात्रियों को राहत दे रही हैं। सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुविधाजनक यात्रा प्रबंधन को लेकर तीर्थयात्रियों ने सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।

चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने से हुआ था। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और अब 4 मई रविवार को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

यह भी पढ़ें 👉  पाटकोट में 43वें दिन भी जारी रहा महिलाओं का शराब के ठेके के खिलाफ धरना, ग्रामवासियों के समर्थन में उठी एकजुट आवाज, कहा—"शराब की दुकान नहीं खुलने देंगे"

नई व्यवस्थाओं से सहूलियत
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष पहली बार टोकन प्रणाली लागू की गई है, जिससे दर्शन व्यवस्थित और सुगम हो सकें। साथ ही केदारपुरी में अब मुफ्त वाई-फाई सेवा की शुरुआत भी कर दी गई है, जिसका शनिवार को सफल ट्रायल हुआ और इसे श्रद्धालुओं को समर्पित किया गया।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्य सचिव ने की हरिद्वार व शारदा कॉरिडोर की समीक्षा, प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता देने के निर्देश।

मुख्यमंत्री का बयान

“सुरक्षित यात्रा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बाबा केदार की यह यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है, इसलिए हर संभव सुविधा और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। पैदल मार्गों को बेहतर बनाया गया है, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है और विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की गई है। रुद्रप्रयाग की संवेदनशीलता को देखते हुए एक अलग मोबाइल नेटवर्क की भी स्थापना की गई है।”


– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड