गौला नदी रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन सख्त, तीन दिन में खाली करने का अल्टीमेटम।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
हल्द्वानी, 16 अप्रैल। गौला नदी रिजर्व फॉरेस्ट भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण और पर्यावरणीय क्षरण को लेकर मंगलवार को उपजिलाधिकारी (एसडीएम) हल्द्वानी राहुल शाह ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने अवैध रूप से निवास कर रहे लोगों को स्पष्ट चेतावनी दी कि वे तीन दिनों के भीतर अतिक्रमित भूमि को खाली करें, अन्यथा उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई करते हुए बलपूर्वक हटाया जाएगा।
वन विभाग की ओर से भी स्वेच्छा से अवैध निर्माण हटाने के लिए मुनादी (एडवाइजरी) जारी की गई है।
निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र एवं नदी तट पर कूड़ा-कचरा फेंका जा रहा है और सीवेज का अवैध रूप से निर्वहन किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। इस पर एसडीएम शाह ने वन विभाग को तत्काल चालान जारी करने एवं दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान तहसीलदार हल्द्वानी मनीषा बिष्ट, तहसीलदार लालकुआं कुलदीप पांडेय तथा संबंधित रेंज अधिकारी भी उपस्थित रहे। टीम ने अतिक्रमित क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए आगे की कार्रवाई हेतु दस्तावेज तैयार किए।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि गौला नदी रिजर्व फॉरेस्ट भूमि एक संरक्षित क्षेत्र है, जहां किसी भी प्रकार का अतिक्रमण, प्रदूषण अथवा पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति पहुंचाना दंडनीय अपराध है। प्रशासन और वन विभाग शीघ्र ही अवैध निर्माणों को हटाकर क्षेत्र का पारिस्थितिक संतुलन बहाल करने की कार्रवाई प्रारंभ करेंगे।










