मतदाता मैपिंग को सरल बनाने के लिए आपसी समन्वय आवश्यक: अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून। मतदाता मैपिंग को प्रभावी और सुगम बनाने के लिए फील्ड स्तर पर कार्यरत अधिकारियों के बीच बेहतर आपसी समन्वय आवश्यक है। यह बात अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान कही।
डॉ. जोगदंडे की अध्यक्षता में देहरादून जनपद के बीएलओ सुपरवाइजर एवं बीएलओ के साथ यह बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने फील्ड में कार्य कर रहे अधिकारियों से सीधा संवाद कर फीडबैक लिया और मैपिंग के दौरान आ रही समस्याओं को गंभीरता से सुना।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में देश के 12 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान संचालित किया जा रहा है तथा निकट भविष्य में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तराखंड राज्य में भी यह अभियान चलाया जा सकता है। ऐसे में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन में राज्य स्तर पर अभी से चरणबद्ध तैयारियाँ की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि मतदाताओं की मैपिंग के लिए आउटरीच कार्यक्रम के अंतर्गत बीएलओ द्वारा किए जा रहे संपर्क एवं अन्य गतिविधियों की नियमित समीक्षा अनिवार्य है। बीएलओ सुपरवाइजर, बीएलओ, एईआरओ एवं ईआरओ के बीच बेहतर समन्वय से ही यह कार्य सुचारु रूप से पूरा किया जा सकता है।
बैठक के दौरान विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से आए बीएलओ सुपरवाइजर एवं बीएलओ ने मैपिंग के दौरान आ रही व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराया, जिस पर डॉ. जोगदंडे ने संबंधित ईआरओ को त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने बीएलओ के लिए प्रशिक्षण सामग्री को और अधिक सरल बनाने तथा उसे वीडियो फॉर्मेट में तैयार करने के भी निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने बीएलओ से सोशल मीडिया एवं व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मतदाताओं को वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नाम खोजने संबंधी जानकारी साझा करने की अपील की।
बैठक में उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास, ईआरओ गौरव चटवाल, स्मृता परमार, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश चंद्र त्रिपाठी, एईआरओ देहरादून सुरेंद्र सिंह, अभिलाषा भट्ट सहित अन्य अधिकारी एवं बीएलओ उपस्थित रहे।





