आई फ्लू का सटीक इलाज क्या है। इसके लिए कौन सी दवाएं लेनी चाहिए और कौन से आई ड्रॉप्स इस परेशानी से छुटकारा दिला सकते हैं। डॉक्टर ने बताया सटीक इलाज।

ख़बर शेयर करें -

आई फ्लू का सटीक इलाज क्या है। इसके लिए कौन सी दवाएं लेनी चाहिए और कौन से आई ड्रॉप्स इस परेशानी से छुटकारा दिला सकते हैं। डॉक्टर ने बताया सटीक इलाज।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

देश के कई राज्यों में आई फ्लू (Eye Flu) का कहर लगातार जारी है। आंखों की इस परेशानी की चपेट में लाखों लोग आ चुके हैं,  आई फ्लू एक वायरल इंफेक्शन होता है, जो आंखों को संक्रमित कर देता है। डॉक्टर्स की भाषा में इसे कंजक्टिवाइटिस कहा जाता है, आमतौर पर यह वायरस या बैक्टीरिया की वजह से होता है। हालांकि इन दिनों जो फ्लू लोगों को अपना शिकार बना रहा है, वह वायरल इंफेक्शन है।  इसकी चपेट में आने पर लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं और आंखों से फ्लूड निकलने लगता है। आंखों में सूजन आने लगती है और इरिटेशन भी होने लगती है। कई बार लाइट में जाने पर सेंसिटिविटी महसूस होती है और आंखें खोलना भी दुश्वार हो जाता है। अब सवाल उठता है कि आई फ्लू का सटीक इलाज क्या है। इसके लिए कौन सी दवाएं लेनी चाहिए और कौन से आई ड्रॉप्स इस परेशानी से छुटकारा दिला सकते हैं,  इन सभी सवालों के जवाब डॉक्टर से जान लेते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी में सरस आजीविका मेले का भव्य समापन, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मिली नई दिशा, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरस मेले में हुआ करोड़ों का व्यापार।

 

 

 

नई दिल्ली के सिरी फोर्ट स्थित विजन आई सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. तुषार ग्रोवर के मुताबिक वर्तमान समय में वायरल कंजक्टिवाइटिस तेजी से फैल रहा है। इसे बोलचाल की भाषा में आई फ्लू कहा जाता है। यह एक वायरल इंफेक्शन है, जो आंखों को प्रभावित करता है, इसकी चपेट में आने पर आंखों में परेशानी होती है, लेकिन एक सप्ताह के अंदर यह अपने आप ठीक हो जाता है। आई फ्लू से परेशान कई लोग 3-4 दिन में भी रिकवर हो जाते हैं। यह एक कॉमन इंफेक्शन है, जो आंखों के लिए खतरनाक नहीं होता है। इससे न तो नजर कमजोर होती है और न ही इससे अंधेपन का खतरा है।  अगर किसी को सीवियर आई फ्लू होता है, तो विजन में टेंपररी दिक्कत हो सकती है, लेकिन वह कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बस इससे बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  मेहरा पब्लिक स्कूल, पीरुमदारा के छात्रों का ‘इंस्पायर मानक अवार्ड 2025’ के लिए चयन।

 

 

 

आई स्पेशलिस्ट डॉ. तुषार ग्रोवर कहते हैं कि इन दिनों चल रहा आई फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जो सेल्फ लिमिटिंग होता है। कुछ दिनों में यह इंफेक्शन अपने आप ठीक हो जाता है और इसके लिए किसी तरह की दवा की जरूरत नहीं होती है। कई लोग आई फ्लू से निजात पाने के लिए एंटीवायरल या एंटीबैक्टीरियल दवाएं ले रहे हैं, लेकिन ऐसा करने से कोई फायदा नहीं होता है। इसके कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं कि आई फ्लू में एंटीवायरल दवाएं असरदार होती हैं. ऐसे में लोगों को दवाओं से बचना चाहिए।।आई ड्रॉप्स की बात करें, तो लुब्रिकेंट ड्रॉप्स काफी फायदा पहुंचा सकते हैं।  दिन में 2-3 बार लुब्रिकेंट ड्रॉप डालने से जल्द राहत मिल सकती है. ऐसा करने से 4-5 दिनों में आई फ्लू पूरी तरह ठीक हो जाएगा। जिन लोगों को सीवियर आई फ्लू है, उन्हें ठीक होने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है।

यह भी पढ़ें 👉  महिला दिवस पर रामनगर महाविद्यालय में मातृशक्ति ने किया पौधारोपण।

 

 

 

एक्सपर्ट की मानें तो आंखों में एंटीबायोटिक ड्रॉप्स डॉक्टर की सलाह के बाद ही डालने चाहिए। कई बार आई फ्लू से पीड़ित लोगों को आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर एंटीबायोटिक ड्रॉप देते हैं, ताकि आगे कोई बैक्टीरियल इंफेक्शन ना हो। हालांकि इन ड्रॉप्स से आई फ्लू ठीक नहीं होता है।  प्रोविडोन आयोडीन के आई ड्रॉप से कंजक्टिवाइटिस के वायरस का लोड कम हो सकता है। इसके अलावा जिन लोगों में सीवियर कंजक्टिवाइटिस इंफेक्शन होता है, उसके लिए स्टेरॉइड्स ड्रॉप्स दिए जाते हैं। हालांकि ये ड्रॉप तभी इस्तेमाल करें, जब इसकी सलाह डॉक्टर दें। खुद इलाज करने से आंखों को नुकसान हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *