कार्बेट पार्क प्रशासन पर लापरवाही का आरोप, कार्बेट प्रशासन के खिलाफ गुस्सा,
निदेशक उप निदेशक आररो समेत अधिकारियों पर मुकदमे की मांग।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
रामनगर। संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने रामनगर कोतवाली पर जोरदार प्रदर्शन कर कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला, उपनिदेशक राहुल मिश्रा और रेंजर भानु प्रकाश हर्बोला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि टाइगर और अन्य हिंसक जानवरों के हमलों से उनकी सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पार्क प्रशासन को कई बार लिखित, मौखिक और फोन के जरिए जानकारी दी गई, लेकिन सुरक्षा के कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। टाइगर और लेपर्ड आए दिन गांवों में घुस रहे हैं, जिससे लोगों की जान पर बन आई है। ग्रामीणों का कहना है कि समस्या को उठाने पर उल्टा उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं।
इससे पहले, सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कार्बेट टाइगर रिजर्व कार्यालय पर धरना दिया, लेकिन निदेशक साकेत बडोला के कार्यालय में न होने से आक्रोशित लोगों ने प्रशासन से उनकी एक दिन की सैलरी काटने की मांग की।
ग्रामीणों ने सरकार से मांग की कि राज्य में बढ़ती हिंसक वन्यजीवों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए “बैलेंस हंटिंग” की अनुमति दी जाए, ताकि आम जनता सुरक्षित रह सके। आगामी आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए 17 मार्च को ग्राम सांवल्दे पूर्वी में बैठक बुलाई गई है।
धरने को महेश जोशी, तारा बेलबाल, भुवन आर्य, बालम थापा, ललित उप्रेती, प्रभात ध्यानी, नवीन अधिकारी, पीसी जोशी, कैसर राना, ललिता रावत, मुनीष कुमार, एडवोकेट पूरन पांडे और आइसा के सुमित ने संबोधित किया। ज्ञापन देने वालों में सेक्टर लोग उपस्थित हुए।
रामनगर कोतवाल ने ग्रामीणों को निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।









