मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से श्रावणी मेले का किया शुभारंभ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से श्रावणी मेले का किया शुभारंभ।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से श्रावणी मेले का किया शुभारंभ।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

अल्मोड़ा / देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जागेश्वर मंदिर समिति द्वारा आयोजित श्रावणी मेला 2025 के शुभारंभ अवसर पर वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं एवं आयोजकों को मेले की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जागेश्वर धाम देवभूमि उत्तराखंड की पौराणिक सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि लोक आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक एवं केदारनाथ-बद्रीनाथ पुनर्निर्माण इसके उदाहरण हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों के संरक्षण व विकास के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। जागेश्वर मास्टर प्लान के प्रथम चरण के लिए ₹146 करोड़ की स्वीकृति दी गई है जबकि दूसरे चरण की योजनाएं भी अनुमोदित हो चुकी हैं।

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उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा जनपद में कोसी नदी के किनारे 40 किमी का साइकिल ट्रैक, शीतलाखेत को ईको टूरिज्म, तथा द्वाराहाट और बिनसर को आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर है, और बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से कम हुई है। पिछले चार वर्षों में 24 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है।

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राज्य में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा हेतु सरकार ने सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता और ऑपरेशन कालनेमी जैसे प्रभावी कदम उठाए हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री  अजय टम्टा, विधायक  मोहन सिंह मेहरा, मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष  नवीन भट्ट, जिलाधिकारी अल्मोड़ा  आलोक कुमार पांडेय, एवं मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।