उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को जनता का जबरदस्त समर्थन, 98% गांवों से मिले आवेदन: सीएम धामी।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को जनता का जबरदस्त समर्थन, 98% गांवों से मिले आवेदन: सीएम धामी।
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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को जनता का जबरदस्त समर्थन, 98% गांवों से मिले आवेदन: सीएम धामी।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

देहरादून, 25 मई 2025
मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता (UCC) पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि चार माह की अवधि में राज्य के 98 प्रतिशत गांवों से डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो इस ऐतिहासिक कानून को जनसमर्थन मिलने का प्रमाण है।

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सीएम धामी ने बताया कि UCC को सुलभ बनाने के लिए डिजिटल पोर्टल, मोबाइल ऐप और 14,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जोड़े गए हैं। आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ऑटो एस्केलेशन और शिकायत निवारण प्रणाली भी लागू की गई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया गया था कि सत्ता में आने पर UCC को लागू किया जाएगा। इसके लिए 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया, जिसने 13 जिलों में व्यापक जनपरामर्श कर 2.32 लाख से अधिक सुझाव एकत्र किए। समिति ने सभी पक्षों—राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों—की राय ली।

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7 फरवरी 2024 को यह विधेयक राज्य विधानसभा में पारित हुआ और 11 मार्च 2024 को राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद 27 जनवरी 2025 से उत्तराखंड में UCC को लागू कर दिया गया। इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया जिसने संविधान के अनुच्छेद 44 को व्यावहारिक रूप दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि सभी नागरिकों को विवाह, तलाक, और उत्तराधिकार में समान अधिकार देता है। इसमें तीन तलाक, बहुविवाह, हलाला, इद्दत और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाई गई है। साथ ही, बेटियों को संपत्ति में बराबरी का अधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।

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सीएम धामी ने प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का मार्गदर्शन और सहयोग के लिए धन्यवाद जताया और कहा कि यह संहिता महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।