खनन, सीवरेज, झील और जंगल – सब पर सख्त निगरानी के निर्देश।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
हल्द्वानी, 13 जून 2025 (सूवि)।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के माननीय न्यायाधीश डॉ. अफरोज अहमद ने आज काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में जनपद स्तरीय पर्यावरण समिति एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अहम मुद्दों पर मंथन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि हिमालय केवल भारत नहीं, पूरी पृथ्वी की पारिस्थितिकी का आधार है, और इसका संरक्षण हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। डॉ. अहमद ने कहा, “पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को केवल सरकारी नहीं, जन-सहभागिता से जोड़कर देखना होगा। हिमालयी क्षेत्र की जैव विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र और जल स्रोतों की रक्षा किए बिना सतत विकास की कल्पना अधूरी है।”
खनन पर वैज्ञानिक नियंत्रण की आवश्यकता
उन्होंने स्पष्ट किया कि मिट्टी, बालू या पत्थर जैसे खनिजों का खनन वैज्ञानिक तरीकों से ही किया जाना चाहिए। लीजधारकों के लिए स्पष्ट मापदंड तय किए जाएं, और पर्यावरणीय प्रभावों की निरंतर निगरानी होनी चाहिए।
नैनीताल झील पर हाईड्रोबायोलॉजिकल सिस्टम लगाने का सुझाव
नैनीताल झील को एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल बताते हुए उन्होंने वहाँ हाईड्रोबायोलॉजिकल सिस्टम लगाए जाने की बात कही, जिससे जल की गुणवत्ता और अन्य पर्यावरणीय मानकों की निगरानी की जा सके। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा झील संरक्षण हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।
सीवेज और कचरा प्रबंधन पर विशेष बल
डॉ. अहमद ने कहा कि नदी, नालों, झीलों और अन्य जल स्रोतों में एक बूँद भी सीवेज न जाए, इसके लिए अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) लगाए जाएं। पुराने प्लांट्स को अपग्रेड किया जाए और शुद्ध जल का प्रयोग सिंचाई में हो। साथ ही सभी झीलों की डीमार्केशन (सीमा निर्धारण) कर उनके निकट निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए।
ट्रंचिंग ग्राउंड से ग्रीन स्पेस की ओर
बैठक में आयुक्त/सचिव मा. मुख्यमंत्री दीपक रावत ने बताया कि रुद्रपुर ट्रंचिंग ग्राउंड से एक लाख टन कचरे का निस्तारण कर लिया गया है, जिससे लगभग ढाई एकड़ भूमि खाली हुई है। इस क्षेत्र को अब ग्रीन स्पेस के रूप में विकसित किया जाएगा।
जिलाधिकारी वंदना ने जानकारी दी कि नैनीताल और हल्द्वानी में पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। हल्द्वानी के ट्रंचिंग ग्राउंड में भी कचरा निस्तारण कार्य प्रगति पर है और खाली हुई भूमि को हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
वैज्ञानिकों की कार्ययोजना और विभागीय सहभागिता
पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान, कोसी के वैज्ञानिकों ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी.एन. मीणा, मुख्य विकास अधिकारी अनामिका, प्रभागीय वनाधिकारी सी.एस. जोशी, मुख्य अभियंता सिंचाई संजय शुक्ल, पंत विश्वविद्यालय के डॉ. सुधीर कुमार सहित नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

